हिंदी सिनेमा के ‘बैड मैन’ यानी एक्टर गुलशन ग्रोवर ने फिल्मों में विलेन बन कर जबरदस्त काम किया। एक्टर गुलशन ग्रोवर की एक्टिंग इतनी कन्वेंसिंग होती है कि दर्शक समझने लगते थे कि वे तो विलन ही हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, गुलशन ग्रोवर ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए खूब पापड़ बेले, कड़ी मेहनत की तब जाकर वह फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान बना पाए।
गुलशन ग्रोवर जैसे रोल में नजर आते थे, उससे उनकी एक छवि बन गई थी। लेकिन इसके ठीक उलट गुलशन ग्रोवर असल जिंदगी में एक होनहार स्टूडेंट रहे, ब्रिलियंट लर्नर हैं और अपनी मां के दुलारे हैं। एक्टर ने एक बार खुद बताया था कि फिल्मों में ऐसे रोल करने पर कई बार उनकी मां को गली मोहल्ले की महिलाएं रोक कर उनके बारे में पूछ लिया करती थीं कि गुलशन ऐसा तो नहीं था।
रजत शर्मा के शो पर जब एक्टर गुलशन ग्रोवर आए थे तब उन्होंने बताया था- ‘मैं हमेशा अपनी क्लास में फर्स्ट आता था। स्कूल में मेरा नाम लिखा हुआ है- ‘मेधावी छात्र।’ पहली बार उस स्कूल में फर्स्ट क्लास डिस्टिंगशन इन 4 सब्जेक्ट हायर सेकेंड्री के बोर्ड में आई थी। इसके बाद मैं श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में पढ़ाई करने गया। जहां पर दाखिला लेने के लिए 93% से ज्यादा नंबर थे।’
गुलशन ने बताया- ‘फिल्मों में जो मेरे कैरेक्टर्स हैं, ये उन्हीं का प्रभाव है। इसकी वजह से तो जब मैं अपने बेटे को भी बताता हूं कि मेरे 93 या 94% मार्क्स आते थे तो वो भी कहा है कि डैड थोड़ा ज्यादा है ये।’
गुलशन ने आगे बताया था- ‘मैं दिल्ली में पढ़ा बड़ा हुआ। मेरा 1 बजे का स्कूल होता था तो पढ़ाई करते हुए भी मैं दूसरे काम करता था। मैं सुबह डिटर्जेंट पाउडर बेचने जाता था। हाउस वाइफ्स को, लेडीज को कपड़े धोकर दिखाता था। ये कहना चाहता हूं कि मेरे पास कम पैसे होने से या गरीब होने से, जो मेरा सपना था कि मैं कुछ बनना चाहता हूं, उसमें कहीं रुकावट नहीं आई। मैं डिटर्जेंट के साथ फिनाइल भी बेचता था। यूनिफॉर्म साथ लेकर ही निकल पड़ता। काम खत्म होते ही बस्ते से यूनिफॉर्म निकाल कर पहन लेता था और स्कूल जाता था।’
उन्होंने आगे बताया- ‘मैं जहां रहता था वहां की लेडीज, मौसियां, आंटियां, उनको आज तक यकीन नहीं होता कि इतना अच्छा बच्चा इस तरह के रोल कर सकता है! मैं जब नया-नया फिल्मों में गया। तो मुझे फिल्म ‘अवतार’ में काम करने का मौका मिला। इस फिल्म में मैं एक नालायक औलाद का किरदार निभा रहा था। तो मेरी मां जो रोज सुबह गुरुद्वारे जाती हैं, तो सारी औरतें उन्हें घेर कर बैठ गईं और कहने लगीं कि ‘हाय हाय ये क्या हुआ ऐसा तो नहीं था वो। ये बॉम्बे वालों ने कुछ कर दिया इसके ऊपर। हमारा लड़का नहीं है ऐसा बिलकुल नहीं है।’ तो मेरी मां ने समझाया कि वो सिर्फ रोल है वो एक्टिंग कर रहा है।’