एक्ट्रेस जरीन खान ने बताया कि अपनी पहली फिल्म ‘वीर’ के बाद उन्हें इंडस्ट्री में ‘कैटरीना कैफ जैसी दिखने वाली’ की छवि से बाहर निकलने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। जब उन्होंने ‘हेट स्टोरी 3’ की तो उन्हें और भी ऑफर मिले, लेकिन उन्हें कामुक किरदारों में ही बांध दिया गया। जरीन का कहना है कि ‘अक्सर 2’ के निर्देशक ने उनसे झूठ बोला था। उन्होंने बताया कि निर्देशक अनंत महादेवन ने उनसे साफ कह दिया था कि वो ‘हेट स्टोरी’ जैसी कोई और फिल्म नहीं बनाना चाहते, लेकिन सेट पर मामला कुछ और ही था। उन्होंने बताया कि उन्हें इंटिमेट सीन दृश्य करने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें इस मामले में ज़्यादा कुछ कहने का मौका नहीं दिया गया, हालाँकि उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया था।
हिंदी रश को दिए इंटरव्यू में जरीन ने बताया कि “हेट स्टोरी 3” का माहौल बहुत गर्मजोशी भरा था और उनके को-एक्टर इस बात का ध्यान रखते थे कि वो अनकंफर्टेबल ना हों। जरीन ने बताया कि उन्होंने इस रोल को एक चुनौती के रूप में लिया और पहले अपनी मां से सलाह ली। ज़रीन ने कहा, “मुझे इस काम की जरूरत थी और ऐसा नहीं था कि निर्देशक और निर्माता मेरे साथ काम करने के लिए कतार में खड़े थे। मैंने कुछ दोस्तों से बात की, जिन्होंने मुझे ज्यादा सोचने से मना किया। मैंने अपनी मां से बात की और उन्होंने मुझे पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिया। मैंने हिम्मत जुटाई और फिल्म कर ली।” उन्होंने बताया कि वो भले एक खुले विचारों वाले परिवार से हैं, लेकिन उनके दादा-दादी नमाजी हैं।
‘अक्सर 2’ के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए जरीन ने कहा, “मैं टाइपकास्ट नहीं होना चाहती थी। मैंने ‘हेट स्टोरी’ की थी, लेकिन मैं ऐसी और फ़िल्में करने की इच्छुक नहीं थी। मैं ‘हेट स्टोरी’ के बारे में कभी कुछ नेगेटिव नहीं कहूंगी क्योंकि ये एक ऐसा काम था जो मैंने किया और इसने मेरे लिए रास्ते खोल दिए। जब मैं ‘अक्सर’ के लिए नैरेशन के लिए गई, तो निर्देशक अनंत महादेवन ने मुझसे साफ कहा, ‘हम ‘हेट स्टोरी’ नहीं बना रहे हैं।’ ये शब्द मुझे ज़िंदगी भर याद रहेंगे, क्योंकि मुझे चिंता थी कि कहीं फिल्म में कोई बोल्ड सीन तो नहीं होगा। लेकिन जब शूटिंग शुरू हुई, तो हर दूसरे सीन में कोई न कोई किसिंग सीन हो रहा था।”
उन्होंने कहा कि रोज-रोज के सरप्राइज़ उन्हें पसंद नहीं आ रहे थे, और उन्होंने निर्देशक के सामने अपनी चिंताएं रखीं। लेकिन उन्होंने फैसलों का ठीकरा निर्माताओं पर फोड़ दिया। आखिरकार, ज़रीन को लगा कि निर्माताओं की नजर में वो खलनायिका बन गई हैं क्योंकि निर्देशक ने उनके लिए कुछ नहीं कहा। “मुझे अपनी ही फिल्म के प्रीमियर पर नहीं बुलाया गया, बस यहीं बात बिगड़ गई। मेरे बारे में नेगेटिव आर्टिकल फैलाए हुए, जिनमें कहा गया कि मेरे साथ काम करना मुश्किल है।”
ज़रीन ने कहा कि वो इस अनुभव से निराश थीं और अब इस टॉक्सिक इंडस्ट्री का हिस्सा नहीं बनना चाहती थीं। ये पूछे जाने पर कि क्या उनके को-एक्टर ने उनके लिए आवाज उठाई, उन्होंने कहा कि उनके पास भी उतनी पावर नहीं थी कि वो कुछ कहें।