हिंदी सिनेमा जगत के कई एक्टर्स जिन्हें आज भी उनके काम के लिए याद किया जाता है। उन्हीं में से एक कैस्टो मुखर्जी भी थे, जिन्होंने फिल्मों में एक शराबी का किरदार निभाया। उनका 56 साल की उम्र में निधन हो गया था, लेकिन उन्होंने अपने करियर में अमिताभ बच्चन समेत कई बड़े स्टार्स के साथ काम किया था। वो ‘जंजीर’ फिल्म का भी हिस्सा थे, उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘चुपके-चुपके’ और ‘गोलमाल’ में भी काम किया था। मगर फिल्मों में आने से पहले उन्होंने बहुत गरीबी देखी। अपने संघर्ष के बारे में कुद कैस्टो मुखर्जी ने बताया था।

अपने निधन से एक साल पहले एक इंटरव्यू में कैस्टो ने बताया था कि अपने पूरे करियर के दौरान शराब पर निर्भर रहे थे, और यंग एज में ही उन्हें इसकी लत लग गई थी। उन्होंने बताया था कि पैसे की कमी के कारण उन्हें चूहों के बीच सोना पड़ता था।

एक शराबी की अपनी ऑन-स्क्रीन छवि पर विचार करते हुए, केष्टो मुखर्जी ने कहा था, “लोग चाहते हैं कि मैं एक बेवड़े का किरदार निभाऊं। मैं उन्हें वही देता हूं जो वे चाहते हैं। आखिरकार, उन्होंने ही मुझे बनाया है। कभी-कभी मैं अभी भी थोड़ा असुरक्षित महसूस करता हूं, लेकिन फिर मैं खुद से कहता हूं कि मुझे डरने की कोई बात नहीं है जब तक मैं लोगों को वह देता रहूं जो वे मुझसे चाहते हैं। मुझे पता है कि मुझमें कोई क्लास नहीं है। न ही मुझे एक बेहतरीन अभिनेता होने पर गर्व है। मुझे पता है कि मैं कभी भी महान ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच सकता। लेकिन मुझे क्लास नहीं चाहिए। मुझे पैसा चाहिए। क्योंकि क्लासी होने से मैं अपने बच्चों का पेट नहीं भर पाऊंगा, लेकिन अगर मेरे पास पैसा है, तो मेरे पास सब कुछ है।”

ये पूछे जाने पर कि क्या वो असल ज़िंदगी में शराब नहीं पीते, उन्होंने कहा, “नहीं। मैं बहुत पीता हूं। मैंने शराब पीना तब शुरू किया जब मैं अपना शहर छोड़कर फिल्मी हीरो बनने बॉम्बे आया। मैं रेलवे क्वार्टर के एक गंदे से कमरे में रहता था जहां खाने को कुछ नहीं था, लेकिन पीने को बहुत कुछ था। मैं इसलिए पीता था क्योंकि मैं परेशान था। मेरे पास कोई काम नहीं था। मैं थोड़ी नींद लेने के लिए पीता था, ये भूलने के लिए कि चूहे इधर-उधर भाग रहे हैं, कि मेरे बगल में एक कुत्ता सो रहा है। मैं तनाव दूर करने के लिए पीता था। और मेरा सच्चा दोस्त सिर्फ दारू था और फिर, इसी दारू की वजह से मुझे लोकप्रियता मिली। आज, अगर कोई मेरा नाम लेता है, तो सबके जेहन में बेवड़ा आ जाता है। मैं अब अपने दोस्त को छोड़ नहीं सकता। मैं अब भी पीता हूं। सिर्फ एक दिन ऐसा था जब मैंने शराब की एक बूंद भी नहीं छुई, वह था मेरी शादी का दिन।”

कैस्टो ने कहा कि पैसा उनके लिए बेहद अहम है, क्योंकि वो इसकी कीमत समझते हैं। “ये घर (अपने लिविंग रूम की ओर इशारा करते हुए) मैंने बनाया है। मैंने एक-एक पैसा अपनी मेहनत से कमाया है। मैं इसे कभी गंवाना नहीं चाहता। मैं जानता हूं कि गरीबी क्या होती है। मैं कभी भी खाली पेट फटेहाल जिंदगी नहीं जीना चाहता।”