‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में नट्टू काका ने अपने बेहतरीन अभिनय के साथ अपनी मासूमियत से फैंस का दिल जीता था। नट्टू काका उर्फ घनश्याम नायक ने दर्शकों को अपनी एक्टिंग से मुरीद बना लिया। नट्टू काका जब-जब शो में जेठालाल से पूछते “सेठजी, मेरी पगार कब बढ़ेगी?” तो लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी। 3 अक्टूबर 2021 को नट्टू काका का निधन हो गया, कैंसर से जूझते हुए घनश्याम नायक चल बसे।

आज TV Adda में हम बताने वाले हैं घनश्याम नायक की कहानी, कैसे वो एक्टिंग की दुनिया में आए और कैसे वो तारक मेहता का उल्टा चश्मा से जुड़े। 12 मई 1945 को नट्टू काका उर्फ घनश्याम नायक का जन्म हुआ था। घनश्याम का परिवार मशहूर लोकनाट्य कला भवाई से जुड़ा था और कला का माहौल उन्हें बचपन से ही मिला था। घनश्याम के पिता भवाई कलाकार थे और उनके पिता का ही सपना था बेटे को एक्टर बनाने का। इसी उम्मीद में उनके पिता गुजरात छोड़कर परिवार के साथ मुंबई में बस गए।

मुंबई के एक स्कूल में घनश्याम का एडमिशन करा दिया गया और पढ़ाई के साथ-साथ वो फिल्मों में काम करने की कोशिश भी करते थे। उन्हें काम मिल गया और फिल्म मासूम से घनश्याम ने बाल कलाकार के रोल में काम शुरू किया। साल 1960 में रिलीज़ हुई सत्येन बोस की फिल्म मासूम का गाना “नानी तेरी मोरनी को मोर ले गया” आज भी बेहद लोकप्रिय है।

इस फिल्म ने घनश्याम के लिए फिल्मी दुनिया के रास्ते खोल दिए। वो कई फिल्मों में बाल कलाकार के तौर पर नजर आए। बालक ध्रुव और सीताराम राधेश्याम जैसी फिल्मों में घनश्याम को काम मिला। उस दौर में कई घंटों की शूटिंग के बाद घनश्याम को 3 रुपये हर दिन का मेहनताना मिलता था।

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जब किदार शर्मा ने चवन्नी की जगह घनश्याम नायक को दिया 2 रुपये का नोट

एक बार एक इंटरव्यू में घनश्याम नायक ने बताया था कि एक बार उन्हें ईनाम में 2 रुपये मिले थे। घनश्याम ने किस्सा शेयर करते हुए बताया कि एक बार उन्हें राज कपूर के गुरु निर्देशक किदार शर्मा की फिल्म में काम करने का मौका मिला। किदार शर्मा के साथ खास बात ये थी कि वो जब किसी कलाकार के अभिनय से प्रभावित होते थे तो उन्हें एक चवन्नी गिफ्ट करते थे। घनश्याम का सपना था कि वो एक दिन इतनी अच्छी एक्टिंग करें कि उन्हें भी किदार शर्मा से चवन्नी मिल जाए।

किदार शर्मा की उस फिल्म में घनश्याम धोबी के रोल में थे और एक सीन की शूटिंग के दौरान वो इतनी गहराई से उसमें उतर गए कि हर कोई दंग रह गया। बिना ग्लिसरीन के ही उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। जैसे ही सीन खत्म हुआ, किदार शर्मा ने चवन्नी देने के लिए जेब में हाथ डाला, मगर उनकी जेब में उस दिन चवन्नी नहीं मिली। चवन्नी तो छोड़िए, कोई भी सिक्का नहीं था, उनकी जेब में 2 रुपये का नोट था। किदार शर्मा ने ईनाम में वही 2 रुपये घनश्याम नायक को दे दिए। वो नोट घनश्याम ने संभालकर रख लिया और कभी खर्च नहीं किया।

जब चंद पैसों के लिए सड़क पर नाचने को मजबूर हो गए घनश्याम नायक

घनश्याम को फिल्मों में काम ज़रूर मिल रहा था, मगर रोल और पैसे खास नहीं थे। हिंदी के अलावा वे गुजराती थियेटर में भी काम कर रहे थे। घरवालों ने उनकी शादी भी करा दी थी और जिम्मेदारियां काफी बढ़ गई थीं। पैसे कम और खर्च ज्यादा तो कई बार वे सड़क किनारे नाच-गाना करके पैसे इकट्ठा करते थे। किस्मत अच्छी नहीं रहती थी तो दिनभर डांस करने के बावजूद उन्हें ढंग का पैसा नहीं मिल पाता था। कई बार तो घर का खर्च चलाने के लिए दोस्तों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों से उधार भी मांगना पड़ता था।

घनश्याम की आवाज भी अच्छी थी और कुछ गुजराती फिल्मों में उन्होंने गाने भी गाए हैं। उन्होंने महेंद्र कपूर और आशा भोंसले जैसे महान सिंगर्स के साथ भी गाना गाया। वे डबिंग आर्टिस्ट भी थे और कई एक्टर की आवाज भी डब की थी।

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कई बेहतरीन फिल्मों में किया काम

पूरी लाइफ अलग-अलग विधाओं में हाथ आजमाने के बावजूद उनका हाथ हमेशा तंग रहा। जब 90 का दशक शुरू हुआ तो घनश्याम नायक के हिस्से थोड़े बेहतर रोल आए। घनश्याम नायक ने हम दिल दे चुके सनम, बेटा, तिरंगा, आंखें, आशिक आवारा, लाडला, क्रांतिवीर, आंदोलन, बरसात, चाहत, कृष्णा, घातक, इश्क, चाइना गेट, हम दिल दे चुके सनम, लज्जा, तेरे नाम, शिकारी, खाकी और अंडरट्रायल जैसी फिल्मों में काम किया। टीवी शोज़ की बात करें तो तारक मेहता का उल्टा चश्मा से पहले इन्होंने खिचड़ी, एक महल हो सपनों का, दिल मिल गए, सारथी और साराभाई वर्सेज साराभाई जैसे टीवी शोज़ में काम किया। कुछ गुजराती टीवी शोज़ में भी घनश्याम नायक ने काम किया।

ऐश्वर्या को इन लाइनों की तैयारियां घनश्याम जी ने ही कराई थी। इतना ही नहीं, घनश्याम जी ने इन लाइनों में वो लाइनें भी जोड़ी थीं जो उनके पुरखे बरसों से भवाई के दौरान गाते थे।

60 की उम्र पार होने के बाद मिला सबसे शानदार किरदार

घनश्याम नायक का स्ट्रगल ताउम्र खत्म नहीं हुआ। साठ साल की उम्र में घनश्याम नायक के हिस्से सबसे अच्छा काम आया। वो उस वक्त भी डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स के चक्कर लगाया करते थे। और तभी उन्हें मिला एक ऐसा शानदार रोल जो उन्हें घर-घर में मशहूर कर गया। हम बात कर रहे हैं ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के नट्टू काका के रोल। शो के मेकर असित मोदी ने उन्हें ये रोल ऑफर किया और घनश्याम इससे पहले असित मोदी के साथ सारथी शो में काम कर चुके थे, इसलिए वो तुरंत इस रोल के लिए हां कर दिया।

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शुरू में असित मोदी ने घनश्याम को दूसरा रोल ऑफर किया था, मगर जेठालाल का रोल निभाने वाले दिलीप जोशी ने असित मोदी को नट्टू काका के लिए घनश्याम नायक का नाम सुझाया और वो मान गए। ये नाम भी घनश्याम नायक ने खुद सुझाया था। इस तरह शो में नटवरलाल प्रभाशंकर उधाईवाला की एंट्री हुई।

63 साल की उम्र में उन्होंने तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में काम शुरू किया और 13 साल इस शो से जुड़े रहे। इस दौरान कई फिल्मों के ऑफर उनके पास आए, मगर उन्होंने ठुकरा दिए।

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निजी जिंदगी की बात करें तो इनकी शादी निर्मला देवी से हुई है, इनके तीन बच्चे हैं – एक बेटा और 2 बेटियां। बेटियों का नाम भावना और तेजल नायक है। वहीं बेटे का नाम विकास नायक है। बेटा स्टॉक एक्सचेंज में काम करता है। घनश्याम नायक हमेशा कहते थे कि वो आखिरी सांस तक एक्टिंग करेंगे। लंबा समय एक्टिंग को देने के बाद कैंसर की वजह से उनका निधन हो गया।