उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने भी चुनाव को देखते हुए यूपी का रुख किया है। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी बाहुबली मुख्तार अंसारी के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इसके अलावा ओवैसी पर भड़काऊ भाषण देने के खिलाफ बाराबंकी में केस भी दर्ज हो गया है। AIMIM नेता वारिस पठान से ‘आजतक’ के टीवी शो ‘दंगल’ में इस पर सवाल पूछा गया था।
वारिस पठान इसके जवाब में कहते हैं, ‘अब्बाजान तो बहाना है तुष्टिकरण निशाना है। योगी जी को ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता। योगी जी ने पांच साल कोई काम नहीं किया तो उन्हें ऐसी भाषा इस्तेमाल करने की जरूरत हो रही है। योगी जी पूरी तरह से फेल हो चुके हैं। केंद्र सरकार के द्वारा दिया गया फंड भी योगी जी पूरा इस्तेमाल नहीं करते हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना आई थी उसमें 7.5 लाख घर दिए गए, लेकिन मुस्लिमों को सिर्फ 10 घर दिए गए।’
चित्रा त्रिपाठी कहती हैं, ‘आप क्या चाहते हैं कि हिंदू और मुस्लिम देखकर घर दिए जाएं?’ वारिस पठान कहते हैं, ‘जेलों में कितने सारे मुस्लिम बंद हैं। जबकि दूसरी तरफ कैदी सीधे जेल से बाहर निकल आते हैं और उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। आखिर ऐसा क्यों होता है?’ राजनीतिक विश्लेषक विशाल मिश्रा इसका जवाब देते हुए कहते हैं कि अब्बाजान कोई आपत्तिजनक शब्द है? कांग्रेस ने भी तो ऐसी ही भाषा का इस्तेमाल किया था।
कांग्रेस प्रवक्ता का जवाब: विशाल मिश्रा कहते हैं, ‘तुष्टिकरण के नाम पर तो कश्मीर से लाखों पंडितों को बेघर कर दिया गया था। ओवैसी की पार्टी के नाम से ही सीधा सा मतलब समझ आता है। बीजेपी के नेतृत्व ने राजनीतिक एजेंडा का मतलब ही बदलकर रख दिया गया है। यूपी में शौचालय धर्म या जाति पूछकर थोड़े बनाए गए थे।’ कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत कहती हैं, ‘जैसी भाषा योगी आदित्यनाथ बोल रहे हैं वो एक घटिया तरह की राजनीति है। मैं उनके पद का सम्मान करती हूं, लेकिन उन्हें अपने पद की बिल्कुल भी चिंता नहीं है।’
सुप्रीया कहती हैं, ‘आपने अगर पहले काम किया होता तो आपको कब्रिस्तान जैसी चीजें इस्तेमाल नहीं करनी होती। डॉक्टरों की कमी, कुपोषण से बच्चे मर रहे हैं। हमने अपने दो-दो प्रधानमंत्री को खोया है। ये बीजेपी वाले हमें आतंक की बात बताएंगे। अगर हिम्मत है तो अपने काम के आधार पर चुनाव लड़ें।’
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया कहते हैं, ‘कांग्रेस की प्रवक्ता ने जितने वाक्य बोले हैं उतनी तो सीटें भी नहीं आएंगी कांग्रेस की यूपी में। आप रोज़ाना बदतमीजी करती हो। सबकी जमानत जब्त हो जाती है। क्या आप अपनी गर्दन में स्प्रिंग लगाकर आई हो?’ सुप्रिया कहती हैं, ‘अगर तुम्हारी हिम्मत है तो यूपी में चुनाव लड़कर दिखाइए। आपको पता चला जाएगा सब।’ ऐसे में चित्रा त्रिपाठी दोनों मेहमानों का माइक बंद करवा देती हैं।