मशहूर फिल्ममेकर सुभाष घई ने इंडस्ट्री के नए एक्टर्स पर हमला बोला है। सुभाष घई का कहना है जबसे सिनेमा जगत का नाम बॉलीवुड पड़ा है तभी से सारी प्रॉब्लम शुरू हुई है। पहले के एक्टर्स मेहनत करते थे, लेकिन अब इंडस्ट्री का झुकाव हॉलीवुड की तरफ बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि अब फिल्में भी वो लोग लिखते हैं जो अंग्रेजी में सोचते हैं। ऐसे में फिल्मों का जनता तक पहुंचना मुश्किल है।

सुभाष घई ने नए स्टार्स की तुलना शाहरुख खान और सलमान खान से करते हुए कहा कि ये लोग काम करने से ज्यादा विज्ञापन करने और फीस मांगने में रुचि रखते हैं। जबकि शाहरुख, आमिर, सलमान और अन्य लोग फिल्म की शूटिंग के अलावा किसी और चीज में ध्यान नहीं देते थे।

ई-टाइम्स से बात करते हुए सुभाष घई ने कहा कि बॉलीवुड फिल्मों में ये लोग भगवान और फैमिली की बात करते हैं, लेकिन कनेक्ट कहा है? हम वेस्टर्न कल्चर की ओर बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया को जानना बहुत अच्छा है लेकिन जब आप भारत के लिए फिल्म बना रहे हैं तो आप एक विदेशी की तरह नहीं सोच सकते। बाहर की कहानी यहां काम नहीं करेगी। नई तकनीक अपनाओ लेकिन डीएनए और भावना भारत से होनी चाहिए।

उनसे सवाल किया गया कि क्या आज के एक्टर्स डायरेक्टर्स की इज्जत करते हैं। इसपर घई ने शाहरुख खान, सलमान खान और आमिर खान की तारीफ करते हुए कहा कि काम तो वो लोग किया करते थे। आज की पीढ़ी बिग ब्रांड बनती जा रही है।

घई ने कहा,”90 के दशक के एक्टर्स कहानी को समझते थे,चाहे वो शाहरुख हो, सलमान या आमिर हो। वो काम करने पर विश्वास करते हैं, पैसा तो खुद ही पीछे आएगा। लेकिन आज की पीढ़ी पहले पैसा चाहती है। उन्हें अपनी ब्रांडिंग और फीस की परवाह है। उन्हें लगता है कि वो बिग ब्रांड बन चुके हैं।”

नए एक्टर्स को बताया साबुन तेल वाला
घई ने कहा,”वो लोग साबुन तेल वाले लोग जो अपनी शूटिंग छोड़ कर विज्ञापन करने के लिए चले जाते हैं। वो दिन बीत गए जब एक्टर्स को अगर कोई चैलेंजिंग सीन करना होता था तो वो रातभर सो नहीं पाते थे। लेकिन आज के एक्टर्स विज्ञापनों के लिए फिल्म बीच में छोड़कर भाग जाते हैं। वो शूट के बीच से जाते हैं और फिर एड शूट करके वापस आते हैं।”