देश में बढ़ रही असहिष्णुता का हवाला देकर, जनवरी 2019 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक पार्टी बनाने वाले पूर्व आईएएस शाह फैसल फिर वापसी कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर से संघ लोक सेवा आयोग के पहले टॉपर रहे फैसल ने बुधवार को सरकारी सेवा में अपनी वापसी के संकेत दिए थे। हालांकि फिल्ममेकर अशोक पंडित ने इस पर आपत्ति जताई है।
अशोक पंडित ने ट्विटर पर लिखा कि “मैं शाह फैसल को बहाल करने की निंदा करता हूं, जिन्होंने आतंकियों के समर्थन में इस्तीफा दिया था। शेहेला राशिद की एक करीबी सहयोगी जो एक राष्ट्र-विरोधी है और टुकड़े-टुकड़े गिरोह का सदस्य है, देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा है क्योंकि कोई उस पर भरोसा नहीं कर सकता।”
उमेश नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सरकारी सेवाओं में ऐसे लोग समाज के लिए खतरनाक होते हैं।’ सर्वेश ठाकुर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘शाह फैसल फिर से शामिल हो गया क्योंकि वह पूरे एलडब्ल्यू, कट्टर इस्लामवादियों और आतंकवादियों की सिस्टम में मदद करना चाहता था। उस संवाद को मत भूलना “हमारी सरकार नहीं तो क्या हुआ, पूरा का पूरा सिस्टम हमारा है”।
सुनील नाम के यूजर ने लिखा कि ‘भारत में हमारे पास, राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने का प्रावधान है लेकिन अयोग्य और भ्रष्ट नौकरशाहों को हटाने के लिए हमारे पास कोई नियम नहीं है।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘ऐसे बन रहा है इकोसिस्टम। चलो कोई नहीं, मोदीजी ने किया है तो सोच समझकर ही किया होगा। चाणक्यनीति!’
हिराकेश चन्द्र नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इस शख्स ने भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए किताब में हर हथकंडा आजमाया है। सिर्फ इसलिए कि वह असफल हो गया है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह फिर से ऐसा नहीं करेगा। इसके उलट शाह फैसल और भी खतरनाक होंगे!’
संजय नाम के यूजर ने लिखा कि ‘एक आम आदमी और एक भाजपा समर्थक के रूप में, मैं जानना चाहता हूं कि सरकार को इस व्यक्ति को आईएएस सेवाओं में वापस लाने की क्या आवश्यकता थी? वह जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन के साथ खुलकर खड़े हुए। यह कैसा “मास्टरस्ट्रोक” है?’ राहुल पटेल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बिलकुल गलत कदम। शाह फैसल ने भारतीय राज्य का मजाक उड़ाया और उसे चुनौती दी और फिर भी वह बिना किसी परिणाम के बहाल हो गया? यह एक बहुत ही गलत मिसाल कायम कर रहा है और देश का अपमान है।’