छोटे शहर, छोटे बजट और कुछ बिल्कुल नए एक्टरों को लेकर बनी फिल्म ‘इत्तु सी बात’ में उन भारतीय कस्बों का माहौल दिखया गया है, जिनमें घर में फाकामस्ती है। लेकिन जहां लड़कों का दिल जब किसी लड़की पर आ जाता है तो वे घर का बासन बर्तन भी बेचने को तैयार हो जाते हैं। इस फिल्म में भी बिट्टू शुक्ला भूपेंद्र (जाडावत) अपनी उस प्रेमिका सपना (गायत्री भारद्वाज), जिससे वो इकतरफा प्यार करता है के लिए ऐसा ही करता है।

उत्तर प्रदेश के चुनार का ये कस्बाई क्रिकेटर अपनी प्रेमिका को ‘आईलवयू’ भी नहीं बोल पाया है, लेकिन उसके जन्मदिन पर उसको एक आईफोन गिफ्ट करने के लिए तमाम तरह के पापड़ बेलता है। मतलब ये कि मजनू के कई प्रकार होते हैं जो गावों कस्बों में नए नए रूपों में मिलते हैं।

इस फिल्म का बेहतर पहलू ये है कि इसमें हंसी मजाक भरपूर है और इसके संवाद से लेकर दृश्यों में ऐसे कई मौके हैं जिनमे दर्शक को हंसी छूटती है। अगर आखिरी के बीस मिनटों वाले हिस्से को छोड़ दिया जाए, जिसमें हीरो और हीरोइन कुछ विचित्र से भावुकता के दौर से गुजरते हैं तो बाकी के दृश्यों में दर्शक को लोटपोट करने के लिए पूरा इंतजाम किया गया है। खासकर वो दृश्य जिसमें बिट्टू और उसके दोस्त आईफोन खरीदने वाराणसी जाते हैं और दुकान वाले से आईफोन की कीमत सुनकर चक्कर खा जाते हैं।

फिल्म ये भी दिखाती है भारतीय कस्बों में ठीक से पढाई लिखाई का इंतजाम नहीं है लेकिन मोबाइल क्रांति के कारण वहां सोशल मीडिया का जोर इतना बढ़ गया कि फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने और उसे स्वीकार करने का थ्रिल तेजी से फैल रहा है। फिल्म के कुछ गाने ठीक ठाक हैं। हालांकि कम बजट के कारण उनका फिल्मांकन साधारण सा है।