2023 में, शाहरुख खान की वापसी वाली फिल्म ‘पठान’ से हुई और इस फिल्म ने हिंदी में 5oo करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई करके इतिहास रच दिया। जिससे बॉलीवुड में महामारी के बाद सूखे का दौर खत्म हो गया और साल की पहली तिमाही के कारोबार ने अकेले दम पर 60 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान दिया। वहीं 2024 में, पहले तीन महीनों का कलेक्शन 700 करोड़ रुपये रहा- जबकि एक दर्जन से ज्यादा हिंदी फिल्में रिलीज हो चुकी हैं। पहली तिमाही तो ठीक-ठाक रही, मगर दूसरी तिमाही की शुरुआत बहुत बुरी रही और ये हफ्ता सबसे खराब बताया जा रहा है।
जनवरी और मार्च के बीच, बॉलीवुड में ऋतिक रोशन-दीपिका पादुकोण की फाइटर रिलीज हुई, जो पहली तिमाही की एकमात्र हिट फिल्म थी। अप्रैल में, जब दो बड़ी ईद रिलीज़ – अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की बड़े मियां छोटे मियां और अजय देवगन की मैदान आई तो उम्मीद थी कि दूसरी तिमाही शानदार होगी मगर दोनों ही फिल्में डिजास्टर हो गईं और फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा।
बजट और रिकवरी
जहां अली अब्बास जफर द्वारा निर्देशित एक्शन फिल्म बड़े मियां छोटे मियां अपना कारोबार 60 करोड़ रुपये के आसपास कर रही है, वहीं अमित शर्मा की फिल्म मैदान 45 करोड़ रुपये की कमाई भी नहीं कर पा रही है। एक ट्रेड क्रिटिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “यह बॉलीवुड के इतिहास का सबसे खराब सप्ताह था, जहां इंडस्ट्री को 250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।”
“मैदान का बजट 250 करोड़ रुपये था, जबकि बड़े मियां छोटे मियां का बजट 350 करोड़ रुपये था। दोनों ही फिल्मों को बहुत बड़ा घाटा हुआ है। राजस्थान स्थित सीनियर डिस्ट्रीब्यूटर राज बंसल ने कहा कि अप्रैल की रिलीज की असफलता ने इंडस्ट्री को और पीछे धकेल दिया है, क्योंकि पहली तिमाही ही “निराशाजनक” थी, फाइटर ने पूरे भारत में 212 करोड़ रुपये कमाए, जो एकमात्र “हिट” फिल्म थी।
उन्होंने कहा, “देखिए, 2023 हिंदी सिनेमा का गोल्डन साल था, हमारे पास 500 करोड़ रुपये की चार फिल्में (पठान, गदर 2, जवान और एनिमल) थीं। हम कभी सोच भी नहीं सकते थे कि हम महामारी के दौर से इतनी तेजी से बाहर आ सकते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से, अगर हम कोविड काल को हटा दें तो यह हिंदी फिल्मों के लिए सबसे खराब साल लगता है। दूसरी तिमाही की शुरुआत बेहद खराब रही, दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं। मैं उम्मीद कर रहा था कि मैदान बेहतर प्रदर्शन करेगी, लेकिन इसे बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली। ट्रेलर काफी बेहतर था और इसने कॉन्टेंट के साथ न्याय नहीं किया। कोविड के बाद की दुनिया में, ट्रेलर काम करता है, अगर यह क्लिक नहीं करता है, तो फिल्म काम नहीं करती है। बड़े मियां छोटे मियां एक खराब फिल्म थी, जिसमें संगीत काम नहीं आया, वे अपने प्रमोशन से लोगों का ध्यान नहीं खींच सके और यहां तक कि ट्रेलर भी काम नहीं आया।”
ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा ने बताया, “अगर फिल्में अच्छी नहीं हैं, तो निश्चित रूप से वे असफल हो जाएंगी या औसत बिंदु पर रुक जाएंगी। कुछ लोग कहते हैं ‘ओह लेकिन कुछ नया था’। अब हर चीज नई नहीं चलती, वह दर्शकों से जुड़ी होनी चाहिए। यदि आप कोई काल्पनिक चीज़ बनाते हैं, तो वह ज़मीनी स्तर पर काम नहीं कर सकती।”
अक्षय-टाइगर की पिछली फिल्में फ्लॉप
अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ का बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन भी इस फिल्म के फ्लॉप होने की एक वजह है, कोविड में रिलीज घटिया फिल्मों के कारण अब लोगों में इन सितारों की फिल्में देखने में इंटरेस्ट नहीं रहा है। अक्षय ने महामारी के बाद 10 फिल्मों में काम किया है, जिनमें से केवल दो सफल रही हैं, बड़े मियां छोटे मियां टाइगर श्रॉफ के लिए लगातार तीसरी डिजास्टर थी।
अक्षय कुमार ने ली 100 करोड़ फीस!
जो इस बात और बदतर बनाती है, वह है कथित तौर पर ली जाने वाली एक्टर्स की फीस। खबरों के मुताबिक इस फिल्म के लिए अक्षय कुमार ने 100 करोड़ तो टाइगर श्रॉफ ने 35-40 करोड़ चार्ज किए हैं। कोमल नाहटा ने कहा, “अक्षय कुमार एक फिल्म करने का 100 करोड़ रुपये से अधिक चार्ज करते हैं, और बड़े मियां छोटे मियां का पूरा कारोबार 60 करोड़ रुपये पर रुकने की संभावना है। तो, वह 100 करोड़ रुपये किस लिए ले रहे हैं? इस फिल्म के लिए टाइगर श्रॉफ ने करीब 35-40 करोड़ रुपये चार्ज किए थे। किस लिए?! मैदान का पहले दिन का कलेक्शन 4.5 करोड़ रुपये था! सितारों द्वारा इतनी बड़ी फीस लेने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि जनता आपके नाम के बल पर सिनेमाघरों में नहीं आ रही।”
एक तरह की फिल्मों की अधिकता
मैदान एक स्पोर्ट्स बायोपिक थी जो पांच साल से लंबित थी, बड़े मियां छोटे मियां, कम से कम कागज पर, एक फुलप्रूफ एक्शन फिल्म थी – एक ऐसी शैली जिसने बॉलीवुड को पुनर्जीवित किया। लेकिन बंसल का तर्क है कि एक शैली के रूप में एक्शन को अलग करके नहीं देखा जा सकता।
राज बंसल ने कहा, ”बड़े मियां छोटे मियां को वाशु भगनानी की पूजा एंटरटेनमेंट ने बनाया था, जिनकी “पिछली 10 फिल्में” बॉक्स ऑफिस पर असफल रही हैं।”
बिहार स्थित फिल्म प्रदर्शक विशेक चौहान ने बताया कि बड़े मियां छोटे मियां सिनेमाघरों में एक पुरानी हॉलीवुड फिल्म की तरह लग रही थी, जिसे उद्योग ने दस साल पहले बनाना बंद कर दिया था। “आप नेटफ्लिक्स या प्राइम वीडियो खोलें और आपको ऐसी कई फिल्में मिल सकती हैं। पर्सनलाइज्ड एक्शन फिल्में बहुत अच्छी तरह से काम करती हैं, जैसे कि आपकी गदर 2 और जवान, जो अंत में एक पिता-पुत्र की कहानी है या यहां तक कि एनिमल भी है, हालांकि यह डार्क और ड्रैमेटिक है। लेकिन इस शैली में भी, नया आविष्कार करना होगा।”
बंसल ने कहा कि किसी फिल्म को म्यूजिक, इमोशन और कॉन्टेंट के पैकेज की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, “पठान, जवान, गदर 2 ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन ऐसा इसलिए है क्योंकि वे अधिक संपूर्ण फिल्में थीं।”
“फाइटर एक महंगी फिल्म थी, हमें उम्मीद थी कि यह बेहतर प्रदर्शन करेगी, लेकिन यह अच्छी थी। भारत में एविएशन फिल्मों के इतिहास पर नजर डालें तो वायुसेना पर बनी किसी भी फिल्म ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, जिसमें कंगना रनौत की तेजस भी शामिल है। वायु सेना पर बनी फिल्मों में हमारे पास भावनाओं और संगीत का दायरा बहुत सीमित होता है और वे बहुत महंगी भी होती हैं।’
2023 में था पठान का दबदबा
हिमेश मांकड़ ने कहा कि पिछले साल पहली तिमाही में बॉलीवुड ने लगभग 820 करोड़ रुपये कमाए, जिसमें से 515 करोड़ रुपये पठान से आए। इस साल पहली तिमाही में कारोबार 700 करोड़ रुपये रहा है, जो 15 फीसदी की गिरावट है। लेकिन इस साल कई फिल्मों का योगदान है जबकि पिछले पठान का दबदबा था।
शाहिद कपूर-कृति सेनन स्टारर तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया (80 करोड़ रुपये), क्रू (81 करोड़ रुपये), यामी गौतम स्टारर आर्टिकल 370 (82 करोड़ रुपये) और अजय देवगन की सुपरनैचुरल थ्रिलर शैतान (149 करोड़ रुपये) जैसी फिल्में इस साल की पहली तिमाही में अच्छे नंबर लाने में कामयाब रहीं।