Fighter Movie Review & Rating and Rating: ‘फाइटर’ में एक ऐसी कहानी को दिखाया गया है, जिसमें आप ना केवल भारत के जाबाजों की बहादुरी के बारे में जानेंगे बल्कि एक ऐसे फाइटर की कहानी देखेंगे, जो युद्ध के मैदान में तो लड़ता है साथ ही उसकी लड़ाई खुद से भी होती है। ये फाइटर कोई और नहीं बल्कि भारत के जाबाज शोल्जर हैं। एक सैनिक होना कोई आसान बात नहीं है। एक शोल्जर की लड़ाई दुश्मनों के साथ-साथ खुद से भी होती है। कुछ ऐसा ही आप ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की फिल्म ‘फाइटर’ में देखेंगे। डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद ने इसके जरिए देशभक्ति तो दिखाई ही है साथ ही उन्होंने बहुत कुछ कहना भी चाहा है। ऐसे में चलिए फिल्म की रिलीज के साथ ही आपको बताते हैं ये कैसी है और सिद्धार्थ आनंद इसके जरिए क्या कहना चाहते हैं।
क्या है फिल्म की कहानी?
‘फाइटर’ देशभक्ति फिल्म है। इसकी कहानी की शुरुआत जैश-ए-मोहम्मद की साजिशों के साथ ही शुरू होती है, जो पुलावामा जैसे कई अटैक्स भारत पर करते हैं। भारत के एयरबेस पर भी हमला करते हैं। जैश-ए-मोहम्मद का साथ पाकिस्तानी आर्मी देती है। वो POK (Pakistani Occupaied Kashmir) पर बैठकर भारत के खिलाफ साजिशें रचते हैं। लगातार अटैक्स को देखते हुए भारतीय वायु सेना द्वारा आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने का फैसला करते हैं। इसमें जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है आपको एक्शन सीक्वंस, इमोशन्स और सॉन्ग देखने के लिए मिलते हैं, जो फिल्म की हर कड़ी को मजबूत बनाते हैं। इसकी हर कड़ी इतनी दमदार है कि आप बिना पलक झपकाए फिल्म देखने को मजबूर हो जाएंगे। इसमें फाइटर पायलट के हवाई करतब और सभी एक्शन सीन्स हवा में ही फिल्माए गए हैं। फिल्म में कई ऐसे सीन्स हैं, जिसे देख आपकी सांसे थम जाएंगी।
दिल जीत लेगी स्टार्स की एक्टिंग
‘फाइटर’ में ऋतिक रोशन (शमशेर पठानिया उर्फ शम्मी), दीपिका पादुकोण (मिनल राठौर उर्फ मिन्नी), अनिल कपूर (राकेश जय सिंह, एयरफोर्स ऑपरेशन चीफ), करण सिंह ग्रोवर (सरताज गिल) और अक्षय ओबेरॉय (बशीर खान) ने अपने किरदार में जान ही डाल दी। सभी फाइटर पायलट के रोल में खूब जंचे। फिल्म में एक पल के लिए भी महसूस नहीं होता है कि वो एक्टर्स हैं। आप उन्हें उनके कारनामे देख फाइटर पायलट ही महसूस करेंगे। फाइटर प्लेन के साथ ऋतिक के एयर स्टंट तो देखते ही बनते हैं। सिद्धार्थ आनंद ने हर एक्टर्स के स्क्रीन पर बराबर स्पेस दिया है और एक्टर्स भी सभी की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। उन्होंने अपने रोल के साथ पूरी तरह से न्याय किया है।
वहीं, दीपिका की बात की जाए तो फर्स्ट हाफ में दीपिका के पास करने के लिए कुछ खास नहीं होता है। उन्हें ऋतिक की लेडी लव के रूप में ही दिखाया जाता है, जो उनसे काफी अट्रैक्ट होती है। लेकिन, हां वो इसमें अपने अलग ही उद्देश्य के साथ होती हैं। एक्ट्रेस मूवी के जरिए लोगों के लिए एक बड़ी सीख लेकर आती हैं, जिसे आप सेकंड हाफ तक महसूस कर पाएंगे और जब जानेंगे तो आंखों में आंसू भी नहीं रोक पाएंगे। मन एकदम गदगद हो जाएगा।
दमदार कहानी के साथ दमदार विलेन
फिल्म की कहानी जहां जोश से भरपूर है और शेर-ए-हिंदुस्तान की कहानी को बयां करती है। वहीं, इसमें विलेन भी दमदार है, जो कहानी को और भी मजबूत बनाता है। इसमें एक्टर ऋषभ सावने ने अजहर अख्तर का रोल प्ले किया है, जो जैश-ए-मोहम्मद का सरगना होता है। वो अपनी जबरदस्त बॉडी और फिटनेस से सभी का ध्यान खींचते हैं साथ ही उन्होंने अजहर के रोल में दमदार एक्टिंग की है। उनका गुस्सा और साजिशें सबकुछ रियल जैसी लगती हैं। इसके अलावा फिल्म में आशुतोष राणा, शरीब हाशमी और संजीदा शेख भी अहम किरदारों में हैं।
सिद्धार्थ आनंद ने किया है कमाल का डायरेक्शन
‘फाइटर’ सिद्धार्थ आनंद के डायरेक्शन के बिना अधूरी है। पुलवामा अटैक जैसी कहानी को लोग पहले ही ‘उरी’ में देख चुके हैं, ऐसे में फाइटर में इसे फिर से दिखाना बड़ा ही चैलेंजिंग हो जाता है। लेकिन, इस पर सिद्धार्थ खरा उतरे हैं। उन्होंने हर पहलू को बहुत ही सलीके से दिखाया है। फिर चाहे वो पुलावामा अटैक रहा या फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक। जहां इमोशन होना चाहिए वहां, इमोशन है। वो 2.46 घंटे में भारत पर हुए अटैक और उसके जवाब को दिखाने में सफल हुए हैं। फिल्म फुल ऑन एंटरटेनिंग है। इसकी हर कड़ी आपको कुर्सी की पेटी से बांधे रखने में मदद करती है और आपको फिल्म से जोड़ती है।
गाना और म्यूजिक, स्टोरी में डालते हैं जान
‘फाइटर’ के हर गाने फिल्म से आपको कनेक्ट करते हैं। इमोशनली भी आप गाने और बैकग्राउंड म्यूजिक के जरिए फिल्म से जुड़ते हैं। इसमें ‘मेरी हीर आसमानी’, ‘आज शेर खुल गए’, ‘दिल बनाना छोड़ दे’ और ‘वन्दे मातरम…’ जैसे गाने फिल्माए गए हैं। मूवी के ये गाने जोश से भरपूर हैं, जो आपको फिल्म से जोड़ते हैं। ‘मेरी हीर आसमानी’ और ‘दिल बनाना छोड़ दे’ के बोल आपके दिल को छू जाएंगे। वहीं, ‘वन्दे मातरम…’ आपको अंदर से झकझोर देगा। रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
क्यों देखनी चाहिए फिल्म?
‘फाइटर’ के जरिए डायरेक्टर सिद्धार्थ आनंद ने बहुत कहने की कोशिश की है। उन्होंने समाज की सोच पर भी वार किया है। ये कुछ और नहीं बल्कि लड़कियों को लेकर हमारे समाज में जो सोच है उस पर सिद्धार्थ ने जोर दिया है। उन्होंने उन लोगों पर वार किया है, जो लोग सोचते हैं कि इंडियन आर्मी में महिला के लिए कोई जगह नहीं है। इसे उन्होंने गलत साबित किया है और अपने इस बिंदु को बताने में भी सिद्धार्थ पूरी तरह से सफल रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ‘जय हिंद’ का अर्थ भी बताया है, जो आप फिल्म में देख सकते हैं। इसके साथ ही ‘फाइटर’ कौन होते हैं? इसे भी आप बखूबी महसूस कर पाएंगे।
कुल मिलाकर फिल्म बेहद ही शानदार है। शुरुआत में सबकुछ थोड़ा जल्दी-जल्दी हो जाता है इसलिए, लगेगा कि कैसे क्या हो गया? मगर जैसे ही कहानी आगे बढ़ेगी रोमांच जागेगा और आप फिर कुर्सी से नहीं उठ पाएंगे। इसका एंड तो और भी कमाल का होता है। अगर आपने सिरफिरा शोल्जर नहीं देखा तो उसे ऋतिक रोशन के अंदर देख सकते हैं, जो देश प्रेम के लिए जुनूनी होते हैं। इसके साथ ही अगर आपने कभी फोर्स ज्वॉइन करने का सपना देखा होगा तो यकीन मानिए इस बात का अफसोस होगा कि आप इसे फोर्स ज्वॉइन नहीं कर पाए। इसका मलाल आपको एक बार फिर से होने वाला है।