केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विवादित कृषि कानूनों के विरोध में देश के अलग- अलग हिस्सों से आए किसान दिल्ली को सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। इसी क्रम में किसानों ने कल (6 फ़रवरी) दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़ देश के सभी राज्यों में 3 घंटे के चक्का जाम का आयोजन किया था। किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार को कानून वापस लेने के लिए 2 अक्टूबर का समय दिया है और उनका कहना है कि जबतक ये कानून वापस नहीं होते वो घर नहीं जाएंगे।
केंद्र सरकार किसी तरह कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं है और न ही किसान पीछे हट रहें। इस मुद्दे पर इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ और चेयरमैन रजत शर्मा ने एक ट्वीट किया जिसमें उनका इशारा किसान और केंद्र सरकार की तरफ़ था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मिलकर बैठे हैं, महफ़िल में जुगनू सारे, ऐलान ये है कि सूरज को हटाया जाए।’
रजत शर्मा के इस ट्वीट पर यूजर्स की खूब प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। बी एस वर्मा ने अपनी राय रखी, ‘रजत जी आपके कहने का मतलब जुगनू को आजादी के साथ जीने, रहने, खाने, मरने का अधिकार नहीं है? ईस्ट इंडिया कंपनी भी यही बात कहती थी कि गोरो के साथ कालों की क्या तुलना है? वही बात आप आज कह रहे हैं कि सूरज के साथ जुगनू की क्या तुलना, यानि इतना घमंड? भगवान ने सबको बनाया है जीने दीजिए।’
“मिलकर बैठे हैं, महफ़िल में जुगनू सारे , ऐलान ये है कि सूरज को हटाया जाए।”
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) February 7, 2021
अनु मित्तल ने रजत शर्मा को जवाब दिया, ‘गोदी मीडिया उस पर लाइट फेंकना बंद कर दे तो वो ज़ीरो वॉट के बल्ब से ज़्यादा नहीं।’ जितेंद्र प्रताप सिंह ने लिखा, ‘जो प्राकृतिक सूरज है, उसकी रोशनी तो सबको लगती है लेकिन यह कैसा सूरज है, जिसकी चमक केवल पूंजीपतियों को ही लगती है?’
करुणा ठाकुर लिखती हैं, ‘जुगनुओं की क्या औकात कि वो सूरज को हटा सकें। उनका जीवन कुछ दिन का पर सूरज अखंड ब्रम्हांड का।’ ग़ौरव सिंह ने रजत शर्मा के इस ट्वीट पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘कवि इसमें कांग्रेस पार्टी और उसके अध्यक्ष के बारे में बात कर रहा है।’