अजित राय
इस समय विश्व सिनेमा में फिनलैंड के दो फिल्मकारों की खूब चर्चा है। जुहो कुओसमानेन की नई फिल्म ‘कंपार्टमेंट नंबर 6’ इस साल कान फिल्म फेस्टिवल में ‘द ग्रैंड प्रिक्स’ जीतने के बाद आस्कर के लिए फिनलैंड की ओर से भेजी गई है। दूसरी ओर टीमु निक्की की फिल्म ‘द ब्लाइंड मैन हू डिड नॉट वांट टु सी टाइटैनिक’ इस साल वेनिस अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में बेस्ट फिल्म का आडिएंस अवार्ड जीत चुकी है।

इसी फिल्म में एक अंधे और पैरों से लाचार व्यक्ति की यादगार भूमिका के लिए पेट्री पोइकोलाइनेन को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार भी मिल चुका है। 1907 में फिनलैंड में पहली फिल्म बनी। रूसी साम्राज्य से आजाद होने के बाद गृह युद्ध और दोनों विश्वयुद्धों से निपटते हुए भी फिनलैंड में फिल्म निर्माण जारी रहा। यह दुनिया के सबसे खुशहाल और सबसे कम भ्रष्ट देशों की सूची में है।

‘द ब्लाइंड मैन हू डिड नॉट वांट टु सी टाइटेनिक’ का दृष्टिहीन और पैरों से विकलांग नायक जाको दूसरे शहर में रहनेवाली सिरपा नामक एक ऐसी औरत से आनलाइन प्रेम करने लगता है, जिससे वह कभी नहीं मिला। आसाध्य बीमीरी से पीड़ित सिरपा विश्व सिनेमा की दीवानी है। पर वह आत्मनिर्भर है। स्मार्टफोन उसकी जीवनरेखा है। इस भूमिका में अभिनय करने वाले पेट्री पोइकोलाइनेन सचमुच दृष्टिहीन और मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित हैं। उसे विश्व की महान फिल्मों के संग्रह का शौक है। वह बताता है कि दृष्टिहीन होने के कारण उसने सिरपा की पसंदीदा टाइटैनिक नहीं देखी।

फिल्म में एक मार्मिक संवाद है जिसमें सिरपा वीडियो काल करने को कहती हैं तो जाको कहता है कि वह देख नहीं सकता, केवल सुन सकता है। फिल्म में कई दृश्य और संवाद अविस्मरणीय है जो विश्व सिनेमा में इधर देखने सुनने को नहीं मिले। एक दिन जाको सिरपा से मिलने निकल पड़ता है। यात्रा में एक बदमाश उसका अपहरण कर लेता है। एक गैराज में बंद कर उसे पीटा जाता है कि वह अपने क्रेडिट कार्ड का पिन कोड बता दे। वे उसे मार डालना चाहते हैं। वह मरने से नहीं डरता। कहता है कि प्लीज उस इंसान की थोड़ी सी तो इज्जत करो जो किसी के प्रेम में है।

जुहो कुओसमानेन की ‘कंपार्टमेंट नंबर 6’ की नायिका लौरा फिनलैंड से रूसी साहित्य पढ़ने मास्को आती है। यात्रा के दौरान उसे एक बिगड़ैल सनकी पियक्कड़ किस्म के नौजवान लियोहा के साथ 6 नंबर का कूपा साझा करना पड़ता है। वे धीरे-धीरे एक-दूसरे को जानने-समझने की कोशिश करते हैं। यह ट्रेन यात्रा रूस के कई शहरों से गुजरते हुए कई हैरतअंगेज अनुभवों को भी साथ ले चलती है।

दोनों की साथ में की गर्इं यात्राएं बेमिसाल हैं जहां न सिर्फ प्रकृति और मनुष्य की अठखेलियां है बल्कि स्त्री पुरुष के इनसानी रिश्तों की भी खिलंदड़ी खोज है। किसी रोड मूवी की तरह यह फिल्म कई यादगार प्रसंगों, दृश्यों, संवादों और घटनाओं से लबरेज है। फिल्म के दोनों कलाकारों – सेइदी हारला और यूरीय बोरिसोव – का अभिनय बेमिसाल है। यूरीव बोरिसोव तो रूस के नए सुपर स्टार होकर उभरे हैं।