‘शार्क टैंक इंडिया’ (Shark Tank India Season 3) में अपने बेहतरीन और नए आइडिया के साथ एंत्रप्रेन्योर्स आ रहे हैं। इसी बीच अर्पिता अदिति शो में पहुंचीं। उनके स्टार्टअप का नाम ‘दिल फूड्स’ है। उनका आइडिया जजेस को इतना पसंद आया है कि वो 50 लाख की इक्विटी के लिए गई थीं मगर उन्हें 2 करोड़ की इक्विटी मिली है। इसी बीच अर्पिता ने जनसत्ता.कॉम से खास बातचीत की और बताया कि कैसे उनके स्टार्टअप के जरिए छोटे रेस्त्रां का मालिक अपनी इनकम बढ़ा सकता है। चलिए बताते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा।
कैसे आया दिल फूड्स का ख्याल?
अर्पिता अदिति ने कहा, ‘खाना जो होता है वो सबके दिल से जुड़ा होता है। जब आप खाने के बारे में सोचते हो तो दिल से ऑर्डर करते हो। इसलिए हमने इसका नाम दिल फूड्स रखा है। हमने ये पूरा बिजनेस इसलिए बनाया है, जो हमारे देश के रेस्त्रां हैं वो सस्टेनेबल इको सिस्टम में आ पाएं। उनका बिजनेस भी प्रॉफिटेबल हो पाए। दिल फूड्स रखने के पीछे की दूसरी वजह ये रही है कि हमने देश के अलग-अलग कल्चर और रिलीजन से प्रेरित होकर इसकी शुरुआत की है। हम यहां हर कल्चर और रिलीजन के खाने का स्वाद चखाते हैं। हमारे पास बिहारी, आंध्रा और पंजाबी कई तरह क खाना मिलेगा। कहते हैं ना कि आपका दिल आपके घर पर ही होता है। इसलिए, भी हम इस रेस्त्रां का नाम दिल फूड्स रखना चाहते थे। हम लोगों को घर का खाना महसूस करवाना चाहते हैं।’
क्या कॉन्सेप्ट है?
अर्पिता ने कहा, ‘हम एक हाउस ऑफ ब्रैंड हैं। हमारे अंडर 8 अलग-अलग ब्रैंड्स होते हैं, जो देश के अलग-अलग रीजन का खाना सर्व करता है। हमारा ऑपरेटिंग मॉडल काफी डिफरेंट है। हम एग्जिसिटिंग रेस्त्रां ऑफ इंडिया के साथ टाई-अप करते हैं। उन ऑर्डर्स की फुलफिलमेंट के लिए। हम डिस्ट्रीब्यूशन के लिए खुद का किचन नहीं बनाते हैं। देश में जितने छोटे रेस्त्रां हैं, जिनके पास काम नहीं है और प्रॉफिट नहीं मिल पा रहा है तो हम कहते हैं कि आपने इतना पैसा खर्च किया और आप ऑर्डर्स नहीं ला पा रहे हो तो वो काम करेंगे। हम उन रेस्त्रां से जुड़ते हैं और उनका प्रॉफिट कराने की जिम्मेदारी उठाते हैं। दिल फूड्स से जुड़कर वो अपने ऑर्डर्स बढ़ा सकते हैं। हमारे पास शार्क टैंक में आने से पहले 65 रेस्त्रां थे पर अब हमारे पास 140 रेस्त्रां हो चुके हैं।’
बिना इन्वेस्टमेंट कैसे कमा सकते हैं लाखों?
अर्पिता बताती हैं, ‘हम (दिल फूड्स) स्विगी और जोमेटो से काफी अलग हैं। ये दोनों ऐप एक डिलीवरी प्लेटफॉर्म है। अगर कोई कस्टमर हमारे ब्रैंड से ऑर्डर करना चाहता है तो वो स्विगी और जोमेटो से कर सकता है। हम ओयो के जैसे देखा जा सकता है। मान लीजिए, आपके पास एक रेस्त्रां है और आप पंजाबी खाना बनाते हो। आपको दिन के 50-60 ऑर्डर मिल जाते हैं। आपके पास काफी स्टाफ है, रिसोर्स सबकुछ है आप दिन के 300 ऑर्डर कर सकते हैं। लेकिन वो 250 ऑर्डन नहीं ला पा रहे हो आपको नहीं पता कि वो ऑर्डर कैसे मिलेंगे। आप क्या करोगे हमारे दिल फूड्स से जुड़कर हमारे ब्रैंड्स की वर्चुअल फ्रैंचाइजी लेकर आप उसे हमारे किचन से ऑपरेट करोगे। जहां पर सब सामान मिलेगा, जो भी जरूरत होगी। यहां से मिल जाएगी। यहां आप दिल फूड्स की पैकेजिंग करके और इस प्लेटफॉर्म के जरिए वो 250 ऑर्डर भी पूरे कर पाएंगे। इससे आपको अच्छा प्रॉफिट मिल जाएगा। बिना किसी इन्वेस्टमेंट के।’
अर्पिता ने बताया, ‘अगर कोई भी हमारे साथ जुड़ना चाहता है तो वो हमारे हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकता है। मेल आईडी के जरिए कनेक्ट हो सकता है। हमारा कुछ क्राइटेरिया है। पहला हाइजीन होना जरूरी है। दूसरा उसके पास कितने स्टाफ है और किचन साइज क्या है? वो कितने ऑर्डर कर सकता है? इसके मुताबिक हम उसे ब्रैंड्स असाइन करते हैं। कुछ कमी होती है तो हम उसे चेंज करने के लिए कहते हैं और एक महीने के बाद फिर से ऑडिट करते हैं। तब अगर वो पास हो जाता है तो हम उसे ऑनबोर्ड करते हैं।’
