उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में राम गंगा नदी पर 11 करोड़ की लागत से बना पुल ढह गया। पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य़ प्रताप सिंह ने इस मसले का जिक्र करते हुए यूपी सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर यूपी की योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किये। पूर्व आईएएस ने लिखा, ‘गंगा मैया के पुल को भी नहीं छोड़ा भ्रष्टाचार ने। सोच ईमानदार, काम दमदार।’

अपने अगले ट्वीट में सीएम योगी को घेरते हुए उन्होंने कहा- ‘राम मंदिर को नहीं छोड़ा तो गंगा मैया को क्या छोड़ेंगे! सोच बेइमान, काम भ्रष्टाचार! ये है, योगी सरकार।‘ सिंह ने यूपी टीईटी के पेपर लीक का मसला भी उठाया।

दरअसल, पिछले दिनों यूपी टीईटी की परीक्षा के दौरान पेपर लीक की खबर सामने आई थी। ऐसे में आनन-फानन में परीक्षा कैंसिल करने का फैसला लिया गया था। सूर्य प्रताप सिंह ने कहा- ‘बार-बार सरकार पेपर लीक कराती है ताकि नौकरी न देनी पड़ें। यह ट्वीट है।’

इससे पहले भी सूर्य प्रताप सिंह ने कुछ ट्वीट्स किए थे। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा था- ‘अब यूपी टीईटी परीक्षा पेपर लीक की वजह से रद्द कर दी गई है। कोई परीक्षा तो ठीक से करवा लो? क्या सरकार चलाने ही नहीं आता बिल्कुल? तुम्हारी अनुभवहीनता की क़ीमत क्या छात्र अपना भविष्य बर्बाद कर चुकाएगा?’ (और क्या क्या बोले थे पूर्व आईएएस पढ़ें।)

उधर, पत्रकार दीपक शर्मा ने भी एक ट्वीट किया और कहा- ‘योगी जी ने बार-बार दावे किए कि उनकी सरकार में किसी भी एग्जाम के पेपर लीक नहीं होंगे। फिर UP-TET का पेपर व्हॉटसएप पर कैसे लीक हुआ?’ उन्होंने आगे कहा- ‘खबर है कि मोटी रकम के बदले कुछ रसूखदारों ने पर्चा आउट कराया है। पुलिस छुटभैय्यों की जगह इस रैकट में शामिल इन “रसूखदारों” पर हाथ क्यों नहीं डाल रही?’

रिटायर्ड आईपीएस विजय शंकर सिंह ने भी योगी समेत मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- ‘सरकार की यह कौन सी मजबूरी है कि, वह UP के, खीरी हत्याकांड के 120B के मुल्जिम, और आपराधिक इतिहास से ‘सम्पन्न’ गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को अब भी अपने पद पर बनाये हुए हैं? प्रधानमंत्री इनसे इस्तीफा लें और किसी गैर आपराधिक पृष्ठभूमि के सांसद को यह दायित्व सौंपे।’