‘कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है’ जैसी कविताओं और शायरी से लाखों युवाओं के दिलों में अपनी जगह बनाने वाले डॉ. कुमार विश्वास अक्सर चर्चा में रहते हैं। कभी राजनीतिक टिप्पणी को लेकर तो कभी अपनी निजी जिंदगी को लेकर। सोशल मीडिया पर उनकी टिप्पणी पर बहस छिड़ जाती है। कोई शेरो-शायरी या कविता साझा करते हैं तो वो वायरल हो जाती है।

कुमार विश्वास ने मंगलवार (17 मई) को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक कविता साझा की और इसे अपनी पत्नी मंजू शर्मा को डेडिकेट किया। दरअसल, 17 मई को उनकी पत्नी का जन्मदिन होता है। कुमार विश्वास ने लिखा, ‘ख़ुद में ख़ुद भी न ढल पाए तेरे बिना, एक पल भी न कल पाए तेरे बिना, तुझको गाड़ी चलाना न आया मगर, मेरी गाड़ी न चल पाए तेरे बिना…Happy birthday love!”

कौन हैं मंजू शर्मा?: कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा मूलरूप से राजस्थान के अजमेर की रहने वाली हैं। मंजू ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। वे अलवर कॉलेज में प्रोफेसर थीं, यहीं उनकी मुलाकात कुमार विश्वास से हुई थी।

कुमार विश्वास की प्रेम कहानी: कुमार विश्वास और मंजू शर्मा की प्रेम कहानी की शुरुआत 1994 में राजस्थान से हुई थी। कुमार विश्वास इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़कर अलवर के उसी कॉलेज में लेक्चरर बन गए जिसमें मंजू शर्मा पहले से लेक्चरर थीं, और दोनों धीरे-धीरे एकदूसरे को पसंद करने लग गए।

मंजू के लिए कुमार विश्वास लिखते थे कविताएं: कुमार विश्वास ने मंजू के लिए कविताएं लिखना शुरू किया था। यह कविताएं श्रृंगार रस से जुड़ी होती थीं। इन्हीं कविताओं ने मंजू को और प्रभावित किया।

घर वालों ने किया रिश्ते का विरोध: मंजू शर्मा और कुमार विश्वास का प्यार धीरे-धीरे परवान चढ़ा और दोनों ने पहले कुछ दोस्तों की मदद से पहले कोर्ट में और फिर मंदिर में शादी कर ली। शादी के बाद दोनों ने अपने घर वालों को सूचना दी, दोनों परिवारों में इस शादी का विरोध हुआ।

पिता ने नहीं दी घर में एंट्री: कुमार विश्वास के पिता उनके इस फैसले से इतने नाराज थे कि उन्हें घर में एंट्री नहीं दी। शादी के तकरीबन दो साल तक कुमार के बड़े भाई और बहन पिता को समझाते रहे, जिसके बाद कुमार विश्वास की बड़ी बेटी के पैदा होने से पहले उनको और उनकी पत्नी को घर में एंट्री मिली।