दिलीप कुमार ने 1959 में रिलीज हुई अपनी फिल्म ‘पैगाम’ का एक आइकॉनिक सीन ट्विटर पर शेयर किया है जिसे काफी पसंद किया जा रहा है। उनके एक्टिंग की तारीफ में यूजर्स खूब प्रतिक्रिया दे रहे हैं साथ ही आज के समय से भी तुलना कर रहे हैं। डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने भी दिलीप कुमार के ट्वीट को रीट्वीट किया है और उनकी तारीफ की है। सीन में दिलीप कुमार मील मजदूरों के हक के लिए मील मालिक के सामने अपनी आवाज बुलंद करते दिखे हैं।
दिलीप कुमार ने अपनी फिल्म का सीन शेयर करते हुए लिखा, ‘सहमत हैं तो रीट्वीट करें।’ दिलीप कुमार जो कि फिल्म में रतन लाल का किरदार निभा रहे थे और अभिनेता मोतीलाल जो कि सेठ सेवकराम के किरदार में थे, के बीच का यह आइकॉनिक सीन है जिसकी शुरुआत में सेवकराम दिलीप कुमार के किरदार से पूछते हैं कि क्या तुम कोई महात्मा गांधी हो?
जवाब में दिलीप कुमार कहते हैं, ‘नहीं सेठजी, ये पवित्र नाम इस तरह मत लीजिए, मेरे लिए ये सौभाग्य क्या कम है कि जिस धरती पर उनके चरण पड़े उसी धरती पर मैं भी रहता हूं। मेरा और उनका रिश्ता सिर्फ इतना है सेठ जी कि उनके बताए हुए सच्चाई के रास्ते पर चलने की मैं एक कमज़ोर सी कोशिश कर रहा हूं। मैं आपके पांव पड़ता हूं, इन मजदूरों की आवाज सुनिए ताकि इनके अंधेरे जीवन में रोशनी आ सके।’
Paigham 1959. Retweet if you like the scene. pic.twitter.com/w79gxzLish
— Dilip Kumar (@TheDilipKumar) June 16, 2021
इसके बाद सेठ सेवक राम दिलीप कुमार के किरदार को पैसे का लालच देने की कोशिश करता है जिसे दिलीप कुमार बड़े ही बुद्धिमानी से ठुकरा देते हैं। यूनियन तोड़ने की बात पर वो कहते हैं, ‘आप चाहते हैं कि मैं अपने स्वार्थ के लिए अपने उसूलों का खून कर दूं? अगर आप भाई की बेटी की शादी का दबाव डालकर मुझे उन हजारों मजदूरों का साथ छोड़ने पर मजबूर करते हैं तो ये इंसाफ की बात नहीं है, ये जुल्म है।’
वो आगे कहते हैं, ‘मैं सिर्फ इतना कहता हूं सेठजी कि जो धन मजदूरों के हिस्से का है, उसे मजदूरों से छीन लेना जुर्म है।’ दिलीप कुमार का यह सीन ट्विटर यूजर्स को काफी पसंद आ रहा है और यूजर्स जमकर टिप्प्णी कर रहे हैं। राखी त्रिपाठी नाम की एक यूजर लिखती हैं, ‘एक कलाकार अपनी कलाकारी का इस्तेमाल कर आवाज उठा रहा है। समझने वाले इस बात को समझें।’
नमन नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘वाह दिलीप साहब। और इस क्लिप में छिपा है संदेश।’ सईद बिलाल नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘मजदूर की जगह बस किसान कर दीजिए और तब उसे दोबारा सुनिए। ऐसा लगेगा दिल्ली के बॉर्डर्स का वीडियो है।’
आपको बता दें कि 98 वर्षीय दिलीप कुमार को हाल ही में सांस लेने में तकलीफ के चलते मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। लेकिन फिलहाल वो अस्पताल से घर आ गए हैं और ठीक हैं।