दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार आज दुनिया को अलविदा कह गए हैं, लेकिन एक समय ऐसा था जब उनकी होते हुए ही सायरा बानो को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। सायरा बानो ने दिलीप कुमार के मुंबई स्थित बंगले को बचाने के लिए ये लड़ाई लड़ी थी। दिलीप कुमार की अमानत को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से सायरा बानो ने गुहार लगा दी थी। हालांकि बाद में उन्होंने इस लड़ाई में जीत हासिल कर ली थी।

कैसे शुरू हुआ विवाद: टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, दिलीप कुमार ने 1953 में मुंबई के पाली हिल स्थित बंगले को कमरुद्दीन लतीफ से 1.4 लाख रुपये में खरीदा था। 1923 में लतीफ ने जिस प्लॉट पर यह बंगला बना है, उसे मुलराज खतायु के परिवार से 999 सालों की लीज पर लिया था। इस बंगले पर विवाद तब शुरू हुआ, जब साल 2018 में समीर भोजवानी नाम के एक बिल्डर ने दावा किया कि प्रोपर्टी पर मालिकाना हक दिलीप कुमार के बजाय भोजवानी का है।

मुख्यमंत्री से लगाई थी मदद की गुहार: दिलीप कुमार केवल एक किराएदार के रूप में यहां रह रहे हैं। भोजवानी का दावा था कि 1980 में उनके पिता ने इस विवादास्पद प्रोपर्टी को खरीदा था। सायरा बानो ने ‘एबीपी न्यूज़’ से बात करते हुए आरोप लगाया था कि समीर भेजवानी उन्हें काफी टॉर्चर भी कर रहा था और उसकी पहुंच निगम से लेकर सत्ता में बैठे लोगों तक है। चीफ मिनिस्टर ने जरूर कोशिश की हो और वो उनको भी हूल दे रहा होगा।’

आलीशान महल से कम नहीं है बंगला: सायरा बानो ने बताया था, ‘हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस बारे में पत्र लिखा है। हमने सीएम और पीएम सबसे मदद मांगी है और हमें जरूर मदद भी मिलेगी।’ लंबी जद्दोजहद के बाद इस बंगले का अधिकार दिलीप कुमार और उनकी पत्नी सायरा बानो को मिल गया था। सायरा बानो ने इस बंगले में काफी बदलाव भी किया था। ये बेहद खूबसूरत और इस आलीशान बंगले का इंटीरियर किसी महल से कम नहीं है। इसमें कई विदेशी सामान भी सजाया गया है जो इसकी खूबसूरती को चार चांद लगाता है।