टीवी पर ऐसे कई ऐड आते हैं, जो हमें एक बार देखते ही पसंद आ जाते हैं और जब-जब वो ऐड आता है, तो हम उसके साथ उन्हें गाने भी लग जाते हैं। कुछ ऐड तो ऐसे भी होते हैं, जो दर्शकों को सालों तक याद रह जाते हैं। ऐसा ही एक ऐड सालों पहले लोगों ने आईपीएल मैच के दौरान देखा था, जो वोडाफोन का था। इसमें उन्हें जूजू देखने को मिले थे। बहुत से लोगों को लगा कि ये एनिमेटेड है, लेकिन ऐसा नहीं था। बल्कि उस ऐड में नजर आने वाले जूजू असली इंसान थे। अब आप सोच रहे होंगे कि अगर वो असली इंसान थे, तो आखिर उस ऐड को बनाया कैसे गया था। तो चलिए हम बताते हैं आपको इसके बारे में कि कैसे फिल्ममेकर ने इसे डिजाइन किया था।

असली इंसान थे ऐड में नजर आए जूजू

के वी श्रीधर की किताब 30 सेकंड थ्रिलर में कई विज्ञापनों के बारे में बताया गया है, जिसमें जूजू के बारे में भी काफी कुछ लिखा था। इसकी कहानी चलचित्रा टॉक्स ने इंस्टाग्राम पर शेयर की थी। बता दें कि सबसे पहले टीवी पर जूजू वाला ऐड साल 2009 में आईपीएल के सेकंड सीजन में देखने को मिला था, ये वही समय था जब इस कैंपियन को वोडाफोन कंपनी ने पहली बार लॉन्च किया था। वहीं, इस ऐड को बनाने वाले फिल्ममेकर प्रकाश वर्मा थे।

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बता दें कि प्रकाश वर्मा वही हैं, जिन्होंने हच का आइकॉनिक पग वाला ऐड भी डायरेक्ट किया था। जूजू वाइट सूट के अंदर रियल इंसान थे और उन्हें ये नाम (जूजू) ओगिल्वी एंड माथेर के नेशनल क्रिएटिव डायरेक्टर राजीव राय ने दिया था। वह चाहते थे कि इस विज्ञापन में लाइव एनिमेशन वाली फीलिंग आए। यही वजह थी कि इनके हाथ और पैरों को काफी पतला बनाया गया, लेकिन उनके अंडे जैसे सिर को जान-बूझकर बहुत बड़ा बनाया गया। ताकि इन कैरेक्टर की हाइट नॉर्मल इंसानों से कम लगे।

वाइट फॉम के बने थे जूजू

जूजू  के सूट वाइट फॉम के बने थे और उनके सिर के टॉप में तीन छेद थे, जिससे एक्टर्स सांस ले सकते थे। उनके सभी एक्सप्रेशन वास्तव में कटआउट थे, जिन्हें हर शॉट के हिसाब से चेंज किया जाता था। इस ऐड को बनाने के लिए मेकर्स ने दो चीज का खास ख्याल रखा, जिससे इसकी लाइव एनिमेशन वाली फिलिंग को और बढ़ाया जा सके। इसमें पहली चीज थी कि इस कैंपियन में बने सभी ऐड के सेट को ग्रे शेड में पेंट किया गया था, ताकि देखने वालों का ध्यान सिर्फ वाइट जूजू पर रहे।

दूसरा इस चीज को ध्यान में रखा गया था कि अगर किसी आम फिल्मों की शूटिंग होती है, तो उन्हें 24 फ्रेम पर सेकंड की स्पीड पर शूट किया जाता है, ताकि उनके विजुअल रियल लगे, लेकिन जूजू के मोमेंट एनिमेटेड दिखाने के लिए मेकर्स ने इसे 24 की जगह 20 फ्रेम पर सेकंड की स्पीड पर शूट किया।

जिबरिश नहीं इंडियन थी जूजू की भाषा

इस कैंपियन के कुछ ऐड में आपको देखने को मिला होगा कि जूजू जिबरिश भाषा का भी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो जिबरिश नहीं, बल्कि मलयालम शब्द थे, जिन्हें रिवर्स किया गया था। दरअसल, इन एड्स को साउथ अफ्रीका में शूट किया गया था और वहां फिल्ममेकर को जब घर की याद आई, तो उन्होंने केरल की कुछ लोकल डिश को नाम को एक ऐड के डायलॉग में डाल दिया था।

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