पाकिस्तानी मूल के गायक अदनान सामी (Adnan Sami) को पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद राजनीतिक घमासान मच गया है। विपक्ष ने अदनान सामी के पिता अरशद सामी खान के बहाने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष का कहना है कि पाकिस्तानी एयरफोर्स में पायलट रहे अदनान सामी के पिता अरशद सामी खान ने 1965 की लड़ाई में भारत के खिलाफ मोर्चा खोला था. भारत पर बम गिराए थे और काफी नुकसान पहुंचाया था। ऐसे में उस शख़्स के बेटे को पद्मश्री से नवाजना देश का अपमान है। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि जंग के दौरान अरशद सामी खान (Arshad Sami Khan) ने भारत के लड़ाकू विमानों को भी मार गिराया था।

अफगानिस्तान से आए थे पाकिस्तान: अरशद सामी खान का जन्म साल 1942 में एक पश्तून परिवार में हुआ था। उनके पिता जनरल महफूज जान मूल रूप से अफगानिस्तान के रहने वाले थे और किंग अमानुल्लाह खान के दौर में गवर्नर भी रहे थे। टाइम्स ऑफ इस्लामाबाद की एक खबर के मुताबिक अदनान सामी के पिता अरशद सामी खान ने पाकिस्तानी एयरफोर्स के साथ अपना करियर बतौर पायलट शुरू किया था और 1965 की जंग में भारत के खिलाफ कई मिशन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।

1965 की लड़ाई क्या भूमिका थी?: ‘द वीक’ ने पाकिस्तान के एयर फोर्स म्यूजियम की वेबसाइट के हवाले से लिखा है कि अरशद सामी खान ने भारत से युद्ध के दौरान अधिकतम कॉम्बैट मिशन को अंजाम दिया। उनका साहस दूसरे पायलटों के लिए एक उदाहरण था। दावा यह भी है कि 1965 की लड़ाई में अरशद सामी खान ने भारत के एक लड़ाकू विमान, 15 टैंक और 22 वाहनों को नष्ट किया था, जबकि कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया था। अरशद सामी खान को पाकिस्तान के तीसरे सर्वोच्च गैलेंट्री पुरस्कार ‘सितारा-ए-जुर्रत’ से भी नवाजा गया।

भारत में हुई मौत: अरशद सामी खान ने बाद में पाकिस्तान के तीन राष्ट्रपतियों के साथ भी काम किया और बतौर डिप्लोमैट (राजनयिक) भी अपनी सेवाएं दी। इसी दौरान उनको कैंसर हो गया। ‘इंटरनेशनल द न्यूज’ की एक खबर के मुताबिक कैंसर से जूझते अरशद सामी को अंत में साल 2009 में भारत लाया गया। यहां मुंबई में इलाज के दौरान 67 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई।