बिहार विधानसभा के नतीजे कुछ देर में आने वाले हैं और धर्मेंद्र भी अपनी तबीयत को लेकर खबरों में बने हुए हैं। धर्मेंद्र के परिवार का भी राजनीति से पुराना नाता है। हेमा मालिनी का राजनीतिक करियर 2003 में शुरू हुआ था। सनी देओल भी 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए थे और उन्होंने गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। मगर क्या आप धर्मेंद्र के राजनीतिक करियर के बारे में जानते हैं?
धर्मेंद्र ने 2004 में राजस्थान के बीकानेर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता था। उन्होंने कांग्रेस के रामेश्वर लाल डूडी को हराया था। धर्मेंद्र ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और लगभग 60,000 वोटों से जीत दर्ज की थी। पूरे देओल परिवार और हेमा मालिनी ने उनके लिए प्रचार किया था। हालांकि, उनका राजनीतिक सफर ज्यादा लंबा नहीं रहा और उन्होंने 5 साल के कार्यकाल के बाद राजनीति से दूरी बना ली।
धर्मेंद्र ने खुद कहा था कि उन्हें राजनीति पसंद नहीं आई और वे अपने फिल्मी करियर पर ही ध्यान देना चाहते थे। धर्मेंद्र ने कई इंटरव्यू में कहा था कि राजनीति उनके लिए ठीक नहीं थी। उन्होंने ये भी दावा किया था कि बीकानेर की जनता के भले के लिए उन्होंने काफी कुछ किया था, मगर इसका क्रेडिट कोई और ले गया था।
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हालांकि हेमा मालिनी अपने राजनीतिक करियर में उड़ान भर चुकी हैं। हेमा मालिनी ने 2003 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 2004 से 2009 तक, उन्होंने राज्यसभा में सांसद के रूप में कार्य किया। 2014 में, उन्होंने मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब से, वे लगातार मथुरा से सांसद हैं और 2024 में तीसरी बार चुनाव जीता है।
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सनी देओल का चुनावी करियर
वहीं बात सनी देओल की करें तो उनका राजनीतिक सफर खास नहीं रहा। उन्होंने 2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा और गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। उन्होंने कांग्रेस के सुनील जाखड़ को हराकर जीत हासिल की थी। जिसमें उन्हें 82,459 वोटों का अंतर था। बावजूद इसके वो राजनीति में एक्टिव नहीं रहे। 2019 में गुरदासपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद 2024 में उन्होंने फिर से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि वे राजनीति के लिए नहीं बने हैं।”
