बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन वो नाम हैं जिन्होंने बॉलीवुड को अलग पहचान दिलाई। उनकी एक्टिंग और आवाज के लोग आज भी दीवाने हैं। फिल्म जंजीर से उन्हें एक अलग पहचान मिली, लेकिन एक वक्त ऐसा था जब वो हिट फिल्में नहीं दे पा रहे थे। फिल्म ‘जंजीर’ से पहले बॉलीवुड एक्टर अमिताभ बच्चन अपने करियर में स्ट्रगल कर रहे थे, लेकिन इस फिल्म ने अमिताभ बच्चन की किस्मत बदल दी।
साल 1973 में आई इस फिल्म ने उन्हें सितारे के रूप में उभारा और एंग्री यंग मैन बना दिया। उस वक्त बच्चन वो नाम बन गए थे, जो बॉलीवुड पर राज कर रहा था, लेकिन बता दें कि इस फिल्म के लिए अमिताभ बच्चन पहली पसंद नहीं थे।
फिल्म जंजीर के लिए धर्मेंद्र थे पहली पसंद: अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र ने कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में एक साथ काम किया। लेकिन फिल्म जंजीर में धर्मेंद्र की जगह अमिताभ बच्चन को कैसे ये रोल मिला आज हम आपको बताने वाले हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, डायरेक्टर प्रकाश मेहरा के बेटे पुनीत ने बताया था कि धर्मेंद्र को इस फिल्म के लिए चुना गया था। प्रकाश मेहरा के साथ उनकी पिछली समाधि (1972) सफल रही थी। इसके बाद धर्मेंद्र ने इस फिल्म की स्टोरी डायरेक्टर को बताई और उन्हें भी कहानी बेहद पसंद आ गई।
साढ़े तीन हजार में खरीदी थी स्क्रिप्ट: फिल्म जंजीर के लिए भी धर्मेंद्र को मुख्य किरदार में ही थे। लेकिन एक्टर एक साल के लिए किसी और काम में व्यस्त हो गए और प्रकाश मेहरा इंतजार नहीं पाए। उन्होंने धर्मेंद्र से 3,500 रुपये में फिल्म की स्क्रिप्ट खरीद ली।
फिल्म देखते हुए अमिताभ को चुना था: इसके बाद प्रकाश मेहरा ने सबसे पहले राज कुमार को फिल्म के लिए अप्रोच किया। जो फिल्म को हैदराबाद में शूट करना चाहते थे और देव आनंद को गाने चाहिए थे। फिर प्राण के कहने पर प्रकाश मेहरा ने बॉम्बे टू गोवा देखी। पूनीत ने बताया कि उनके पिता फिल्म में अमिताभ को देखकर चिल्लाए “मिल गया (मैंने उन्हें ढूंढ लिया)!”
हालांकि प्रकाश मेहरा के इस फैसले की कई लोगों ने निंदा की थी। लोगों को लग रहा था कि अमिताभ को कोई हिट नहीं दी है, तो ऐसे में उन्हें जंजीर के लिए साइन करना सही नहीं था। जिन्हें बिना किसी हिट के किसी को कास्ट करने का संदेह था। कई लोगों ने तो उन्हें “वयस्क” भी कहा। लेकिन, अमिताभ ने ये साबित कर दिया कि जंजीर उन्हीं के लिए बनी थी।