श्रीराम राघवन की अपकमिंग वॉर ड्रामा फिल्म ‘इक्कीस’ दिवंगत दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के शानदार करियर की आखिरी फिल्म है। फिल्म 25 दिसंबर को रिलीज होने वाली है और इससे एक महीने पहले 24 नवंबर को उनका निधन हो गया। फिल्म में उनके काम को हमेशा सराहा जाएगा, क्योंकि इसकी शूटिंग के दौरान भी उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। डायरेक्टर श्रीराम राघवन ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया।
हाल ही में Galatta Plus को दिए इंटरव्यू में श्रीराम ने बताया कि अक्टूबर में फिल्म की डबिंग के दौरान धर्मेंद्र की तबीयत ठीक नहीं थी। उन्होंने कहा, “हमने अक्टूबर में उनके साथ कुछ डबिंग की थी। उससे पहले भी, वह मुझसे फिल्म के बारे में पूछते रहते थे कि फिल्म कैसी बन रही है और मैं उन्हें कब दिखाऊंगा। मैंने उनसे कहा था कि वह डबिंग से पहले फिल्म देख सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ काम था, इसलिए उन्होंने किसी और दिन देखने के लिए कहा। लेकिन उन्होंने फिल्म का लगभग 50-70% हिस्सा देखा, और उन्हें यह कुछ हद तक पसंद आई।”
श्रीराम ने आगे कहा, “उस समय मुझे समझ आ रहा था कि उन्हें डबिंग में काफी दिक्कत हो रही है। मैंने उनसे कहा कि जल्दी ठीक हो जाएं। उनके साथ हमारा काम खत्म हो चुका था, मैंने सोचा था कि एक महीने में उन्हें पूरी फिल्म दिखा दूंगा। यह बहुत अफसोस की बात है। वह फिल्म देखने के लिए बहुत उत्सुक थे।”
श्रीराम ने याद करते हुए बताया कि जयदीप अहलावत और धर्मेंद्र के साथ फिल्माए गए सीन बिल्कुल अलग अनुभव थे। उन्होंने कहा, “धरम जी के साथ जयदीप के सबसे ज़्यादा सीन हैं। उन्हें साथ काम करना था, दोनों ही अलग-अलग अच्छे एक्टर हैं, लेकिन मैं उनकी केमिस्ट्री देखना चाहता था। फिल्म की शूटिंग के दौरान हमने सबसे पहले उनके सीन से शुरुआत की। हम सभी धरम जी के बहुत बड़े फैंस थे, इसलिए जब जयदीप आए, तो माहौल तुरंत हल्का हो गया। जयदीप धीमी आवाज में डायलॉग बोलते थे और धरम जी को शायद उन्हें समझने में थोड़ी मुश्किल होती थी। वे पूछते थे, ‘ये क्या कह रहे हैं?’ मैं उनसे कहता था कि चिंता न करें और जयदीप से थोड़ा जोर से बोलने को कहता था। तो, उनके सीन के दौरान ऐसा ही होता था।”
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हालांकि, धर्मेंद्र अपने सीन के लिए बेहद अच्छी तरह से तैयार रहते थे। “धरम जी की सबसे अच्छी बात यह थी कि वे दूसरे एक्टर्स के डायलॉग को याद रखने के लिए पूरी तरह से तैयार रहते थे। वे अपने डायलॉग को उर्दू में दोबारा लिखते थे, और दूसरे एक्टर्स के डायलॉग को भी। वे अपनी तैयारी खुद करते थे। यह वाकई अद्भुत था।”
श्रीराम ने बताया कि धर्मेंद्र अलग-अलग चीजें ट्राई करते थे और उन्हें लिख भी लेते थे। फिल्म का बहुत कुछ हिस्सा उनके बोलने के तरीके पर भी निर्भर करता है। मैं उन्हें बेसिक कंटेंट और डायलॉग देता था और फिर उनसे पूछता था कि उनका किरदार उन्हें कैसे बोलेगा। वो कई ऑप्शन देते थे।”
श्रीराम ने ये भी बताया कि उन्होंने इस फिल्म का निर्देशन करने के लिए क्यों हां कहा। “जब मुझे यह कहानी मिली, तो ऐसा लगा जैसे शायद इस फिल्म को करने के मेरे फैसले में धर्मेंद्र जी का भी कुछ योगदान रहा होगा। हो सकता है कि मेरे मन में यह ख्याल आया हो कि ‘वाह, उनके लिए कितना शानदार रोल है’ और मैंने पांच मिनट में हां कह दी। जब मैंने उन्हें कहानी सुनाई, तब तो मैंने किसी और कलाकार को फाइनल भी नहीं किया था, और उन्हें कहानी बहुत पसंद आई।”
उन्होंने बताया कि उन्होंने धर्मेंद्र के साथ फिल्म का विचार उनकी आखिरी फिल्म ‘मेरी क्रिसमस’ से पहले ही बना लिया था। धर्मेंद्र उनसे लगातार पूछते रहते थे कि वे ‘इक्कीस’ की शूटिंग कब शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, “पिछले 4-5 सालों से वे पूछते रहते थे कि हम ‘इक्कीस’ की शूटिंग कब शुरू करेंगे। ‘मेरी क्रिसमस’ की रिलीज अभी बाकी थी, लेकिन हमने शूटिंग शुरू कर दी थी।”
