दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को बॉलीवुड अभिनेत्री जूही चावला और दो अन्य याचिकाकर्ताओं पर भारत में 5जी नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ उनके मुकदमे के संबंध में लगाए गए 20 लाख रुपये के जुर्माने को कम करके 2 लाख रुपये करने का प्रस्ताव दिया।
अदालत ने मामले में दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) के सदस्य सचिव को नोटिस जारी किया। डीएसएलएसए ने पिछले साल 4 जून में उनपर लगाई गई राशि के भुगतान के लिए हाल ही में अदालत का रुख किया था।
अदालत ने क्या कहा: न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि वे इसे पूरी तरह से माफ करने का प्रस्ताव नहीं कर सकते, लेकिन इस राशि को 20 लाख रुपए से घटाकर 2 लाख कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने इसके लिए एक शर्त रखी थी। पीठ ने कहा, “क्योंकि जूही चावला एक सेलिब्रिटी है, ऐसे में हम चाहते हैं कि वह समाज के लिए कुछ अच्छा करें।”
अदालत ने कहा कि एक कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है जिसमें डीएसएलएसए अभिनेता को इसमें शामिल होने और ‘कारण को बढ़ावा देने (5 जी मामले)’ के लिए संपर्क कर सकता है।
जूही चावला के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने बाद में पीठ को सूचित किया कि उनके मुवक्किल को इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेने और इतने अच्छे कारण के लिए डीएसएलएसए की मदद करने के लिए सम्मानित किया जाएगा। मामले को आगे की सुनवाई के लिए गुरुवार यानि 27 जनवरी को होगी।
पब्लिसिटी का आरोप: आपको बता दें कि जूही चावला और दो अन्य याचिकाकर्ताओं ने पिछले साल दिसंबर में एक अपील के साथ उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें 5जी नेटवर्क को शुरू करने के खिलाफ उनके मुकदमे को खारिज करने को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं ने सिंगल-बेंच जज के पहले के फैसले को भी चुनौती दी, जिसमें कहा गया था कि 5G मुकदमा केवल पब्लिसिटी हासिल करने के लिए दायर किया गया था।
विशेष रूप से, पिछले साल जून में, न्यायमूर्ति जेआर मिधा की एकल पीठ ने मुकदमे को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ताओं पर 20 लाख का जुर्माना लगाया, यह देखते हुए कि उन्होंने कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया। यह भी कहा गया कि चावला ने सुनवाई के लिंक को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया, जिसके कारण विशेष दिन में तीन बार अदालती कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हुई।
जानकारी के लिए बता दें कि भारत में 5जी नेटवर्क के खिलाफ याचिका पिछले साल मई में दायर की गई थी। बॉलीवुड स्टार कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान हुई अदालती कार्यवाही में वर्चुअली शामिल हुई थीं.
याचिकाकर्ता की मांग: याचिका में याचिकाकर्ताओं ने यह प्रमाणित करने के लिए निर्देश देने की मांग की कि 5जी तकनीक मनुष्यों और सभी प्रकार के जीवों के लिए सुरक्षित है और इस मुद्दे पर एक सफल रीसर्च स्टडी करने के लिए भी कहा, यदि पहले से नहीं किया गया है।