दिल्ली हाई कोर्ट ने बॉलीवुड के प्रमुख निर्माताओं की ओर से दायर याचिका पर आज सुनवाई की है। कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी, टाइम्स नाउ समेत कई चैनलों को यह निर्देश दिया है कि वे इस बात को आश्वस्त करें कि उनके चैनल या फिर चैनल के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर बॉलीवुड या उससे जुड़े किसी शख़्स के खिलाफ कोई भी अपमानजनक कंटेंट न दिखाएं। फैसले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने मीडिया घराने AGR आउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड को भी यह निर्देश दिया कि उनके चैनल पर किसी तरह का मानहानिकारक कंटेंट न प्रसारित हो।

बॉलीवुड के चार एसोसिएशन और 34 प्रमुख निर्माताओं ने 12 अक्टूबर को याचिका दायर कर अनुरोध किया गया था कि रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ को कथित तौर पर गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक टिप्पणियां करने से रोका जाए। याचिका में यह भी कहा गया था कि फिल्म जगत के सदस्यों का मीडिया ट्रायल रोका जाए। याचिका में यह दावा किया गया है कि रिपब्लिक टीवी, टाइम्स नाउ समेत कुछ चैनलों द्वारा बॉलीवुड के लोगों की निजता का हनन किया जा रहा है और पूरे फिल्म इंडस्ट्री को मादक पदार्थों का सेवन करने वाला बताकर उनके मान- सम्मान को अपूरणीय क्षति पहुंचाई जा रही है।

रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और पत्रकार प्रदीप भंडारी, टाइम्स नाउ के प्रधान संपादक राहुल शिवशंकर और वरिष्ठ पत्रकार नाविका कुमार का नाम लेते हुए बॉलीवुड की तरफ से याचिका दायर की गई है। याचिकार्ताओं में आमिर खान प्रोडक्शंस, अनिल कपूर फिल्म्स, अजय देवगन फिल्म्स आदि प्रोडक्शन हाउस शामिल है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 दिसंबर की तारीख तय की है।

 

आपको बता दें कि इन सभी मामलों की शुरुआत बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या के बाद हुई थी। उनकी आत्महत्या को शुरू में रिपब्लिक और टाइम्स नाउ आदि चैनलों द्वारा यह कह कर पेश किया गया कि वो बॉलीवुड के नेपोटिज्म का शिकार हुए हैं। लेकिन बाद में सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती का नाम आत्महत्या मामले में लाया गया और कहा गया कि रिया सुशांत को ड्रग्स देती थीं। इसके बाद बॉलीवुड के कथित ड्रग्स कनेक्शन पर इन चैनलों ने कवरेज शुरू की और बॉलीवुड के लिए कथित रूप से ‘गंजेड़ी’ और ‘नशेड़ी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया।