अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव जैन ने एक अमेरिकी शोधकर्ता पर कथित यौन हमला मामले में ‘पीपली लाइव’ फिल्म के सह निर्देशक महमूद फारूकी के खिलाफ आज आरोप निर्धारित किए और मामले की रोजाना सुनवाई शुरू करने के लिए नौ सितंबर की तारीख तय की। हालांकि अदालत ने फारूकी की जमानत अर्जी लंबित रखी और उस पर वह शिकायतकर्ता की गवाही रिकार्ड करने के बाद निर्णय ले सकती है। शिकायतकर्ता को इसके लिए 14 सितंबर को बुलाया गया है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजीव जैन ने कहा कि 28 मार्च को सुखदेव विहार में आरोपी के निवास पर आपने (फारूकी ने) वादी से बलात्कार किया जो भादसं की धारा 376 के तहत दंडनीय है। आरोप तय किया जाए। जमानत का आवेदन लंबित रखा जाता है। न्यायाधीश ने अपराधविज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक से भी इस मामले में संबंधित सामग्री का परीक्षण जल्द पूरा करने और जल्द रिपोर्ट देने को कहा क्योंकि शिकायतकर्ता के पास पांच अक्तूबर तक का ही वीजा है।

इससे पहले जांच अधिकारी ने एफएसएल के निदेशक की ओर से रिपोर्ट दी थी कि इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर लिया गया है और फोरेंसिक परिणाम 30 सितंबर तक तैयार हो जाएगा। अदालत ने एफएसएल को इस आधार पर दस दिन पहले रिपोर्ट देने को कहा कि शिकायतकर्ता को पांच अक्तूबर तक अमेरिका लौटना है।

फारूकी ने अदालत में एक आवेदन दी थी कि शिकायतकर्ता के फोन का परीक्षण किया जाए जिसमें इस मामले से संबंधित संदेश है। उसके बाद मोबाइल फोन फोरेंसिक विभाग के पास भेजा गया था। अदालत ने रोजाना सुनवाई के लिए 9,10,11,14,15 और 16 सितंबर की तारीखें तय की हैं और दक्षिण पूर्वी जोन के पुलिस उपायुक्त से कहा है कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी तैनात करें कि तय तारीखों पर गवाहों को सिलसिलेवार तलब किया जाए।

फारूकी की तरफ से अदालत में पेश हुई वकील नित्या रामकृष्ण ने एक जमानत अर्जी देकर कहा था कि आरोपी कानून का पालन करने वाला नागरिक है और उसका परिवार जांच में सहयोग करता रहा है। लेकिन अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए जमानत अर्जी का विरोध किया कि यह घृणित अपराध है। फारूकी 20 जून से न्यायिक हिरासत में हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने 35 वर्षीय शोधकर्ता को अपने घर खाने पर बुलाया और नशे की हालत से उससे कथित रूप से बलात्कार किया।