फिल्म पायरेसी के लिए नया नियम आ चुका है। इसके लिए नया कानून बन गया है, जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति फिल्म की पायरेसी करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे तीन साल जेल की हवा खानी पड़ेगी। इसके साथ ही जिस बजट में फिल्म बनी है उसका 5% जुर्माना भी भरना पड़ेगा। राज्यसभा में सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 अमेंडमेंट बिल पास किया गया है।

राज्यसभा में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस नियम के बारे में बात करते हुए बताया कि फिल्म की पायरेसी से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को साल में 20 हजार करोड़ का नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिससे बचने के लिए ये नया बिल लाया गया है।

पायरेसी से OTT को 24.63 हजार करोड़ का नुकसान

डिजिटल टीवी रिसर्च की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2022 में पायरेसी से ओटीटी प्लेटफॉर्म को लगभग 24.63 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि कितने लोग ओटीटी प्लेटफॉर्म पर पायरेटेड फिल्में देखते हैं। ओटीटी के प्लेटफॉर्म पर लगभग 6.2 करोड़ यूजर्स पायरेटेड फिल्में देखते हैं। जिसका नुकसान ओरिजिनल फिल्मों को हो रहा है।

सेंसर सर्टिफिकेट के लिए भी नए नियम

बीते कुछ दिनों से फिल्मों के सर्टिफिकेट को लेकर काफी विवाद हो रहा है। इस बारे में भी नया बिल पास किया गया है। इससे पहले फिल्मों को तीन कैटेगरी में बांटा जाता था। लेकिन अब अन्य कैटेगरी जोड़ी गई हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बताया कि फिल्मों को सर्टिफिकेट देने के लिए कुछ नई कैटेगरी जोड़ी गई हैं। जिनमें UA 7+, UA 13+ और UA 16+ कैटेगरी शामिल हैं। अब फिल्मों को UA सर्टिफिकेशन के तहत 7 साल, 13 साल और 16 साल की ऑडियंस के लिए अलग-अलग सर्टिफिरेट दिया जाएगा।