CineGram:’थप्पड़’, ‘मुल्क’ और ‘आर्टिकल 15’ जैसी हार्ड-हिटिंग फिल्में बनाने से पहले निर्देशक अनुभव सिन्हा ने टेलीविजन से अपना करियर शुरू किया था। उनके द्वारा निर्देशित पहले टीवी शो में से एक ‘शिकस्त’ था, जिसमें महान अभिनेता शम्मी कपूर नेगेटिव किरदार में थे। हाल ही में एक इंटरव्यू में, सिन्हा ने याद किया कि जब शम्मी से नेगेटिव भूमिका के लिए संपर्क किया गया तो वो हैरान गए थे। उन्होंने एक किस्सा शेयर किया, जहां शम्मी रात 10 बजे तक सेट पर रहे ताकि उनकी कार वाला एक शॉट पूरा किया जा सके।

नाराज हो गए थे शम्मी कपूर

अनुभव सिन्हा ने नेटेटिव रोल के लिए शम्मी से संपर्क करने के बारे में बोलते हुए कहा, “हमारे पास 50,000 रुपये थे। हमें पायलट भी उतने में ही बनाना था। हमने खलनायक की भूमिका निभाने के लिए शम्मी कपूर को बुलाया। उन्होंने हमें अपने घर बुलाया और मुझसे कहा, ‘तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे इस सीरियल के लिए बुलाने की? मैंने सोचा कि मुझे उस आदमी से मिलना चाहिए जिसने ऐसा करने की हिम्मत की।’ फिर जब मैंने उसे उसका किरदार बताया तो वो हैरान रह गए। उन्होंने कहा, ‘आपने न सिर्फ मुझे फोन करने की हिम्मत की, बल्कि आप मुझे एक नेगेटिव किरदार के बारे में भी बता रहे हैं।’ वो भूमिका करने के लिए तैयार हो गए। वो अपने शूटिंग के समय का विशेष ध्यान रखते थे और हर दिन शाम 4-5 बजे सेट छोड़ देते थे।”

अपनी गाड़ी के लिए देर तक सेट पर रुके थे शम्मी कपूर

अनुभव सिन्हा ने एक शॉट से जुड़ा किस्सा शेयर किया, जब पायलट की शूटिंग हो रही थी। विनीत कुमार अपना शॉट दे रहे थे और उनके सामने मर्सडीज खड़ी थी। सिन्हा ने कहा, “हमें कार पर उनका रिफ्लेक्शन शूट करना था और जब मर्सडीज जाती है तो विनीत शॉट में अकेले खड़े नजर आते हैं। हम शॉट ले रहे थे और शम्मी जी को ये बहुत पसंद आया। मैं मॉनिटर के सामने खड़ा था और वो मेरे पीछे खड़े थे। हमने जब शॉट रिहर्स किया उन्हें बहुत पसंद आया। मैंने अपनी घड़ी की तरफ देखा और कहा 10 बज गए आप गए नहीं? उन्होंने मुझे कहा, ‘मैं कैसे जाऊंगा?’ मैंने पूछा क्यों, ये आपका शॉट नहीं है। उन्होंने कहा, “गाड़ी मेरी है।” मुझे पता था लेकिन ये मेरा उन्हें धन्यवाद कहने का तरीका था।”

आपको बता दें कि शम्मी कपूर एक बेहतरीन अभिनेता था, जिनका साल 2011 में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हुआ था। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया और उनके अभिनय के लिए आज भी लोग उन्हें याद करते हैं। वो केवल अभिनय में ही बेस्ट नहीं थे, बल्कि उस जमाने में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति थे।

कंप्यूटर गुरु थे शम्मी कपूर

साल 1988 में जब भारत में अधिकतर लोगों को कंप्यूटर के बारे में कुछ पता नहीं था, तब वो कंप्यूटर को अच्छी तरह सीख चुके थे। उस जमाने में टेक्नोलॉजी फ्रीक होना बड़ी बात थी। शम्मी कपूर ने खुद कंप्यूटर में अपनी रुचि के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था, “हिंदुस्तान में बीएसएनएल ने आपको इंटरनेट 1995 में दिया, मैं 90 में नेट पर था। मुझे पता था कि नेट क्या होता है।” बता दें कि शम्मी कपूर को फिल्म इंडस्टरी का कंप्यूटर गुरू कहा जाता था।

मुमताज संग आज भी मश्हूर है शम्मी कपूर के प्यार का किस्सा

मुमताज और शम्मी कपूर की चर्चा आज भी फिल्मी गलियारों में मशहूर है। दोनों एक दूसरे के साथ लंबे समय तक रिलेशनशिप में थे, मगर राज कपूर के कारण शादी नहीं कर सके। मुमताज ने अपने इंटरव्यू में शम्मी कपूर के साथ अपने ब्रेकअप पर खुलकर बात की थी।

शम्मी कपूर ने किया था बेशुमार प्यार

मुमताज ने कहा था कि शम्मी कपूर से ज्यादा प्यार उन्हें किसी ने नहीं किया। ई-टाइम्स को दिए इंटरव्यू में मुमताज ने कहा था, “दुनिया मुझसे शादी करना चाहती थी लेकिन मुझे तय करना था कि मुझे किसके साथ खुश रहना है। शम्मी कपूर मेरे साथ बहुत केयरिंग थे और मुझे बहुत प्यार करते थे। किसी को यकीन नहीं होता था कि हम प्यार में थे। किसी को भी विश्वास नहीं हुआ कि मैंने उन्हें शादी के लिए न कहा था क्योंकि अमीरी में शमी का रुतबा ऊंचा है। लोगों का कहना था, मुमताज शम्मी को कैसे मना कर सकती हैं? आज मैं मयूर माधवानी के साथ शादीशुदा हूं, ऊपर वाले की दुआ से उनके पास भी पैसा है। मुझे नहीं लगता कि मुझे कभी इतना प्यार मिला है जितना शम्मी ने मुझे दिया।”

साल 2020 में दिए इंटरव्यू में मुमताज ने कहा था, “शम्मी जी ने मुझे कहा था कि अगर मैं उन्हें खुश देखना चाहती हूं तो मुझे अपना करियर छोड़ना होगा। अब उस छोटी उम्र में मैं बहुत महत्वाकांक्षी थी और कहीं पहुंचनी चाहती थी। मैं भी अपना परिवार बसाना चाहती था, लेकिन सिर्फ घर पर बैठना मुझसे नहीं हो पाया।”

बता दें कि शम्मी कपूर ने शम्मी कपूर को अभिनेत्री गीता बाली से भी प्यार हुआ था और दोनों ने 1955 में शादी कर ली थी। इस शादी से उनके दो बच्चे भी हैं। हालांकि शादी के कुछ साल बाद गीता बाली का चिकन पॉक्स के चलते निधन हो गया था। अपनी पत्नी के सम्मान में वो हर साल 21 दिन के लिए सिगरेट छोड़ दिया करते थे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

ऋषि कपूर के फेवरेट थे शम्मी कपूर

ऋषि कपूर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में बताया है कि शम्मी कपूर उनके फेवरिट थे। ऋषि कपूर ने लिखा है कि वो अपने पिता राज कपूर को नहीं बल्कि शम्मी कपूर को एक स्टार की तरह देखते थे। अपनी किताब में ऋषि ने लिखा था, “पापा तो केवल पापा की तरह थे, हमलोग उन्हें स्टार की तरह नहीं देख पाते थे। लेकिन शम्मी अंकल को देखना, किसी स्टार को देखना था।”