CineGram: टीवी के राम यानी अरुण गोविल का आज जन्मदिन है। उन्हें किसी परिचय की जरूरत नहीं है, क्योंकि बच्चा-बच्चा भी उन्हें ‘रामायण’ के राम के रूप में जानता है। लोगों के मन में उनकी भगवान राम वाली छपि बसी है और लोग उनके प्रति सच्ची श्रद्धा भी रखते हैं। लेकिन हैं तो वो एक एक्टर ही और अपनी रियल लाइफ एक आम इंसान की तरह ही जीते हैं। मगर इसका हर्जाना एक बार उन्हें भुगतना पड़ा था, जब लोगों ने उन्हें सिगरेट पीते हुए देख लिया था।

टीवी सीरियल ‘रामायण’ 80 के दशक में शुरू हुआ था, लोग टीवी पर इस सीरियल के प्रसारित होने का इंतजार किया करते थे। वैसे तो उन्होंन 1958 में अपना फिल्मी सफर शुरू किया था, मगर पहचान उन्हें भगवान राम का रोल निभाने के बाद ही मिली। अरुण गोविल को खुद नहीं पता था कि लोग उन्हें इस रूप में इतना पसंद करेंगे।

उन्होंने एक इंटरव्यू में इसके बारे में बताया था। एक बार वो जब वो रामायण की शूटिंग कर रहे थे तब वो सिगरेट पिया करते थे। शूटिंग के बीच एक बार वो कोने में पर्दे के पीछे जाकर सिगरेट पीने लगे। कुछ लोग आए और साउथ इंडियन भाषा में उनपर चिल्लाने लगे। उन्होंने अपने शूट की टीम से किसी को बुलाया और कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा कि वो लोग उन्हें गालियां दे रहे हैं, तभी उस शख्स ने बताया कि वो लोग वाकई उन्हें गालियां ही दे रहे थे।

अरुण गोविल ने छोड़ दी थी सिगरेट

अरुण गोविल ने कहा, “मैं एक कोने में जाकर परदे के पीछे कुर्सी डाल चुपचाप सिगरेट पी रहा था कि तभी कुछ लोग आकर दक्षिण भारतीय भाषा में जोर-जोर से चिल्लाने लगते हैं। फिर मैंने शूटिंग से जुड़े एक आदमी को बुलाया और कहा कि मुझे लग रहा है कि ये आदमी मुझे गाली दे रहे हैं, क्या आप बता सकते हैं कि ये लोग क्या कह रहे हैं। तभी वह कहता है कि आप सही कह रहे हैं कि ये लोग आपको गाली दे रहे हैं कि हम आपको भगवान समझते हैं और आप इस तरह के काम करते हैं।”  अरुण गोविल ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि लोग उन्हें इस तरह सम्मान देते हैं तो उन्होंने तभी सिगरेट छोड़ने का फैसला कर लिया था।

घर से निकलना हो गया था मुश्किल

अरुण गोविल ने बताया था कि वो राम के रोल को पूरी जिम्मेदारी से निभाया करते थे। उन्होंने इसके लिए खुद में बहुत से बदलाव किए। उन्होंने कई ऐसे विज्ञापन के ऑफर ठुकराए, जिससे उनकी छवि पर गलत असर पड़ सकता था। निर्माता भी ये मान चुके थे कि उन्हें किसी दूसरे तरह का रोल देना काम नहीं करेगा। लोग इस तरह उनकी भक्ति करने लगे थे कि उनका बाहर घूमना मुश्किल हो गया था।