CineGram: फिल्मी दुनिया जितनी हसीन लगती है, हमेशा वैसी होती नहीं है। यहां लोग जितना एक दूसरे के दोस्त होते हैं उतने ही दुश्मन भी रहते हैं। राजेश खन्ना और संजीव कुमार के बीच काम को लेकर तो तनातनी रहती ही थी, लेकिन ये खटास उनकी पर्सनल लाइफ में भी आ गई थी। 1970 में जब हेमा मालिनी और संजीव कुमार का रिश्ता मुश्किल दौर से गुजर रहा था, उस वक्त राजेश खन्ना ने कुछ ऐसा किया था जिससे संजीव कुमार को बहुत अपमानित महसूस हुआ था।

दरअसल हेमा मालिनी और संजीव कुमार एक दूसरे से शादी करना चाहते थे, लेकिन संजीव की मां चाहती थीं कि हेमा अपना काम छोड़े और घर पर ध्यान दें। वहीं हेमा मालिनी की मां इस बात के खिलाफ थी कि उनकी बेटी अपने सपनों का त्याग कर दे। ऐसे में दोनों का रिश्ता खत्म हो गया, मगर इसका फायदा उठाते हुए राजेश खन्ना ने संजीव कुमार से बदला लेने का सोचा।

संजीव कुमार की बायोग्राफी में हनीफ जावेरी और सुमंत बत्रा ने उस किस्से का जिक्र किया है। जब राजेश खन्ना ने संजीव और हेमा के बीच आई दरार को और गहरा करने की कोशिश की थी। एक इवेंट में संजीव को हेमा के साथ बुलाया गया था और राजेश को शर्मिला टैगोर के साथ बुलाया गया था। लेकिन उस समय संजीव और हेमा मालिनी के बीच दूरियां आ चुकी थी तो उन्होंने इसके बारे में कोई बात नहीं की, संजीव को ये नहीं पता था कि काका यानी राजेश खन्ना को भी उस इवेंट में बुलाया गया था।

संजीव रह गए थे हैरान

संजीव कुमार समय से पहले ही वेन्यू पर पहुंच गए थे और कुछ देर बाद वहां राजेश खन्ना की एंट्री हुई। राजेश खन्ना ने हेमा मालिनी का हाथ पकड़ा था और ये देखकर संजीव को बहुत दुख हुआ। किताब में लिखा है, “संजीव को अपमानित महसूस हुआ था और वह दुखी हो गए थे। हेमा भी उन्हें देखकर उतनी ही हैरान रह गई थीं। वह केवल राजेश खन्ना के कहने पर उनके साथ गई थीं और उन्हें उन दोनों के बीच दुश्मनी के बारे में पता नहीं था। हालांकि वह समझ गई थी कि इस बात से संजीव बहुत दुखी हो गए थे। संजीव कुमार स्टेज से नीचे उतरे और ऑडियंस से दूर एक अलग लाइन में चले गए। इस दौरान दोनों में से किसी ने भी एक-दूसरे से बात तक नहीं की।”

संजीव और हेमा का रिश्ता बुरे दौर से गुजर रहा था और राजेश को हेमा के साथ धमाकेदार एंट्री करते देखना उनके रिश्ते के लिए और बुरा साबित हुआ। किताब में लिखा है, “संजीव के दोस्तों ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि राजेश खन्ना ने उन्हें अपमानित करने के लिए जानबूझकर ऐसा किया था और हेमा निर्दोष थीं। लेकिन संजीव ने इस अपमान को दिल से ले लिया।”

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इस घटना के कुछ समय बाद ही संजीव और हेमा का रिश्ता पूरी तरह टूट गया। उनकी परेशानियां बढ़ती गईं क्योंकि दोनों में से कोई भी अपनी मां की इच्छा के खिलाफ जाने को तैयार नहीं था। किताब में बताया गया है कि राजेश खन्ना की इस हरकत ने दोनों का रिश्ता तोड़ने में आग में घी डालने का काम किया। बता दें कि संजीव कुमार, हेमा मालिनी को बहुत प्यार करते थे, लेकिन हालात ऐसे बनते गए कि दोनों अलग हो गए। खबर को पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…