‘कौन कहता है कि आसमां में छेद हो नहीं सकता…एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों…’। मशहूर लेखक दुष्यंत कुमार द्वारा लिखी गई ये लाइन मेहनत करने वालों पर एकदम सटीक बैठती है और लोगों को मेहनत करने के लिए मोटिवेट करती है। कहते हैं ना एक असफलता आपकी सफलता का फैसला नहीं करती है। अथक प्रयासों और मेहनत से काफी कुछ बदला जा सकता है। ऐसा ही कुछ मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी लाइफ में किया है। 70-80 के दशक में सिनेमा जगत में उनका सिक्का चलता था। गुजरे जमाने में भी उनका एक दौर था। कभी रोड पर भूखे पेट सोने को मजबूर रहे एक्टर को आज एक सफल अभिनेता के तौर पर जाने जाते हैं और कई रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं।
मिथुन चक्रवर्ती की मेहनत का ही नतीजा है कि सिनेमा जगत में उनके योगदान के लिए आज दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिए जाने का ऐलान किया गया है। अगर वो उस समय लोगों के तानों और असफलताओं से हार मान जाते तो आज दुनियाभर में पहचान नहीं बना पाते और ना ही दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया जाता। वो हालातों से लड़े और उस समय जब राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना जैसे सुपरस्टार्स का दौर चल रहा था तो उन्होंने अपनी पहचान बनाई। बतौर ‘डिस्को डांसर’ पहचाने गए। एक समय था जब उने साथ इंडस्ट्री की बड़ी एक्ट्रेसेस तक काम करने के लिए राजी नहीं होती थीं। यहां तक कि उन्हें ‘गरीबों का अमिताभ बच्चन’ का टैग दे दिया गया था। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं उनकी लाइफ के बारे में…
मिथुन चक्रवर्ती ने जब एक्टिंग में करियर बनाने के लिए मुंबई आए थे तो उस समय इंडस्ट्री में अमिताभ बच्चन का नाम गूंज रहा था। राजेश खन्ना अपना स्टारडम खो रहे थे। ऐसे में बिग बी जैसे स्टार के आगे मिथुन के लिए करियर बनाना बड़ा मुश्किल था। उन्होंने इंडस्ट्री के ए-लिस्टर्स को टक्कर देने की बजाय दूसरा रास्ता चुना। उन्होंने बी-ग्रेड फिल्मों में अभिनय करने के साथ ही छोटे बजट की फिल्मों में काम किया। इसमें ‘गुंडा’, मृणाल सेन की ‘मृगया’ जैसी फिल्में शामिल हैं। ‘मृगया’ से उन्हें नोटिस किया गया। फिर अगला पड़ाव स्टारडम का आया। उन्होंने 1980 के दशक में ‘सुरक्षा’, ‘प्यार झुकता नहीं’, ‘कसम पैदा करने वाले की’ और ‘कमांडो’ जैसी फिल्मों में काम कर एक्टिंग का लोहा मनवाया। उन्होंने अपने करियर में तीन बार नेशनल फिल्म अवॉर्ड बेस्ट एक्टर जीता। इसके अलावा पद्म भूषण से भी उन्हें सम्मानित किया गया।
मिथुन के नाम दर्ज हुआ ये रिकॉर्ड
मिथुन को शुरुआती दौर में इंडस्ट्री में काफी कुछ फेस करना पड़ा था। लेकिन बावजूद इसके उन्होंने इंडस्ट्री में खुद को एक ‘डिस्को डांसर’ के तौर पर इंट्रोड्यूस करवाया। फिल्म ‘डिस्को डांसर’ ने मिथुन की किस्मत ही बदल दी। इस मूवी से उन्हें ना केवल नेम और फेम मिला बल्कि इसकी वजह से उनके नाम एक रिकॉर्ड भी दर्ज हुआ। ये इंडस्ट्री की पहली फिल्म थी, जिसने 100 करोड़ का कारोबार किया था। इसी के साथ ही मिथुन पहले एक्टर बन गए, जिसकी फिल्म ने 100 करोड़ कमाए थे। उन्होंने इंडस्ट्री में लीक से हटकर काम किया। अपनी फिल्मों के जरिए उन्होंने कराटे और डिस्को डांसिंग से लोगों को मुखातिब कराया। इसके बाद लोगों का उन्हें भरपूर प्यार मिला और लोग उन्हें इंडियन जेम्स बॉन्ड और ब्रूस ली भी कहने लगे।
मेरा सफर बैड पर गुलाब के जैसा नहीं रहा- मिथुन
मिथुन चक्रवर्ती ने मैन्स वर्ल्ड इंडिया को अपने स्ट्रगल को लेकर साल 2022 में बताया था कि उनका सफर आसान नहीं था। ये बैड पर गुलाब के जैसा नहीं रहा है। वो यहां तक काफी दर्द सहन और संघर्ष करके पहुंचे हैं। वो सफलता की ऊंचाइयों को छूने के लिए हर दिन लड़ते थे। उन्होंने लोगों की हिम्मत बढ़ाते हुए कहा था कि अगर वो कर सकते हैं तो हर कोई कर सकता है। मिथुन ने एक बार जी टीवी के शो Sa Re Ga Ma Pa में कहा था कि जिस चीज से वो गुजरे हैं उससे कोई और भी गुजरे और उसका सामना करे। हर कोई बुरे दौर से गुजरता है संघर्ष करता है। लेकिन, उन्हें उनके स्किन कलर से बुलाया जाता है। इसकी वजह से उन्हें कई सालों तक अनादर सहना पड़ा।
ये कभी क्या हीरो बनेगा?- मिथुन
मिथुन चक्रवर्ती ने इसी बातचीत में आगे कहा था, ‘कितनी लड़ाई एक इंसान लड़ सकता है? कोई भी बड़ी हीरोइन मेरे साथ काम करने को तैयार नहीं थी। उन्हें लगता था कि मैं छोटा स्टार हूं। ये कभी क्या हीरो बनेगा?’ बी-ग्रेड एक्टर होने को लेकर मिथुन ने कहा था, ‘वो भी एक समय था जब इंडस्ट्री की बड़ी एक्ट्रेस मेरा नाम सुनकर फिल्में छोड़कर चली जाती थीं। क्योंकि दूसरे बड़े एक्टर्स उन्हें चेतावनी देते थे कि इसके साथ काम करोगी तो हमारे साथ काम नहीं कर सकती।’
गरीबों के लिए प्रेरणा बने मिथुन चक्रवर्ती
इसके साथ ही मिथुन ने एक बार रेडियो नशा को बताया था कि उन्हें देखकर लोगों की उम्मीदें बढ़ गई थीं। उन्हें लगने लगा था कि चॉल या गांव में रहने के बावजूद उनका बेटा भी अभिनेता बन सकता है। वो आम आदमी के लिए प्रेरणा बन गए और उनके हीरो बन गए। उन्होंने इसी बातचीत में बताया था कि उनके लिए आम आदमी का सुपरस्टार बनना बहुत बड़ी बात थी।
देखे बेहद गरीबी के दिन
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म कोलकाता में हुआ था। उनका असली नाम गौरांग चक्रवर्ती था। फिल्मों में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया था। वो जब पहली बार मुंबई आए थे तो उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाएं और क्या करें। वो फर्श पर सोते थे, सड़कों पर खाना खाते थे और माटुंगा जिमखाना में सिर्फ इसलिए दाखिला लेते थे क्योंकि वह वहां नहा सकते थे। एक्टर ने बताया था कि उनके लिए ये सब आसान नहीं था लेकिन, उन्हें कोई शिकायत भी नहीं है।