Meena Kumar Birth Anniversary: भारतीय सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री रहीं दिवंगत मीना कुमारी की आज 91वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उनका जन्म 1 अगस्त 1933 में हुआ था और 31 मार्च 1972 में उनका निधन हो गया। उनका जीवन दुखों से भरा था और उनका अंत भी दर्दनाक रहा। एक्ट्रेस ने कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। परिवार की जिम्मेदारियों के चलते मीना कुमारी न बचपन देखा न जवानी। जब वह सफल अभिनेत्री बन गईं तो उन्हें शराब की लत लग गई।

मीना कुमारी को ‘पाकीज़ा’, ‘साहिब बीबी और गुलाम’, ‘आरती’, ‘बैजू बावरा’, ‘परिणीता’ और ‘मैं चुप रहूंगी’ जैसी फिल्मों के लिए आज भी याद किया जाता है। जीवन में इतना सफल होने के बाद भी उनके जीवन के कीमती साल गरीबी और परेशानी में कटे। मीना कुमारी का निधन महज 38 साल की उम्र में हो गया था, उन्होंने अपने जीवन में जिसे भी प्यार किया, अंत में सबने उनका साथ छोड़ दिया था।

विनोद मेहता द्वारा मीना कुमारी पर लिखी किताब में उनके बारे में काफी कुछ लिखा है। किताब में ये भी बताया गया है कि जब मीना कुमारी ने एक्टिंग शुरू की, उस वक्त वह केवल 4 साल की थीं। विनोद मेहता की किताब में लिखा है, “पहले दिन जब मैं काम पर निकली तो मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था कि मैं बचपन की सामान्य खुशियों को अलविदा कह रही हूं। मैंने सोचा कि मैं कुछ दिनों के लिए स्टूडियो जाऊंगी और फिर स्कूल जाऊंगी, कुछ चीजें सीखूंगी, और बाकी बच्चों की तरह खेलूंगी और मौज-मस्ती करूंगी। लेकिन वैसा कुछ नहीं हुआ।”

मदद के बदले मिला धोखा

मीना कुमारी ने अपने फिल्मी करियर में बहुत काम किया और जब वह सफल हुई उन्होंने कई नए लोगों को भी काम पाने में मदद की। किताब में लिखा है कि न्यू कमर्स की मदद करने के अलावा मीना कुमारी अपने रिश्तेदारों, निर्माताओं और फिल्म निर्माताओं के प्रति भी बेहद दयालु थीं। ऐसा कहा जाता है कि एक बार मीना कुमारी ने एक निर्माता से संपर्क किया और अनुरोध किया कि क्या वह उनके किसी रिश्तेदार को अपनी आने वाली फिल्म में एक छोटा सा रोल दे सकता है। निर्माता मान गए। जब मीना ने पूछा, “आप आम तौर पर उस तरह के रोल के लिए कितना पेमेंट करतें हैं?” निर्माता ने बताया कि वो 500 रुपये देंगे तो मीना कुमारी ने उन्हें कहा, “ठीक है, उसे 2000 रुपये दे दो, बाकी का जो है मैं देख लूंगी।” ऐसा एक बार नहीं हुआ, मीना कुमारी लोगों की बहुत मदद किया करती थीं, लेकिन उनके आखिरी वक्त में कोई उनका साथ देने आगे नहीं आया।

इस आदत के कारण

मीना कुमारी, इस समय तक हाइएस्ट पेड एक्ट्रेसेस में से एक थी। जब से वह अपने पैरों पर खड़ी हुई थीं, उन्होंने पैसे की कभी कोई परवाह नहीं की। मीना के पति का नाम कमाल अमरोही था, कहा जाता है कि वह उनके साथ मारपीट किया करते थे। इतना ही नहीं कहा ये भी जाता है कि मीना कुमारी के पति उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा करते थे। बड़ी बहन खुर्शीद के अनुसार, कमाल अमरोही की फिल्म ‘पाकीज़ा’ में मीना कुमारी ने मुफ्त में काम किया था।

डेड बॉडी को रिलीज कराने नहीं आया कोई अपना

मीना कुमारी को लोगों की मदद करने की जो आदत थी, उसी ने उन्हें कंगाल कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक अंत समय में उनके पास अस्पताल का बिल भरने के लिए 3500 रुपये तक नहीं थे। घर से अस्पताल जाने के पहले उन्होंने 10,000 रुपये का इंतजाम किया और उसमें से 5 हजार अपनी बहन खुर्शीद को दिए और बाकी के 5 हजार डॉक्टर को दिए थे, लेकिन मरने के बाद कोई भी उनकी डेड बॉडी रिलीज करवाने के लिए 3500 रुपये नहीं दे सका। उनके पति रहे कमाल अमरोही ने भी उस वक्त उनके शव के लिए पैसे नहीं दिए।

इसके बाद मीना कुमारी के डॉक्टर ने अपनी पत्नी की मदद से बिल भरा और उनका शव रिलीज करवाया। कहा जाता है कि बाद में कमाल अमरोही ने वो पैसे अभिनेत्री के डॉक्टर को लौटा दिए थे।

इंडस्ट्री को दी थी बद्दुआ

कहा जाता है कि शराब की बुरी लत के कारण ही मीना कुमारी का रिश्ता कमाल अमरोही के साथ खराब हुआ था। इस बात का पछतावा उन्हें अपने आखिरी समय में होने लगा था। मीना कुमारी के सौतेले बेटे ताजदार के मुताबिक जब वह मीना कुमारी से मिलने गए थे तो वह उन्हें रोती हुई मिली थीं। उन्हें पछतावा हो रहा था और वह कह रही थीं कि उन्होंने गलतियां की हैं। वह खुद के साथ-साथ फिल्म इंडस्ट्री को भी कोस रही थीं और कह रही थीं, “अल्लाह उन्हें कभी माफ नहीं करेगा, जिन्होंने मेरा घर बर्बाद किया है।”

मीना कुमारी और एक्ट्रेस नरगिस काफी अच्छे दोस्त हुआ करते थे। लिवर सिरोसिस से जूझने के बाद मीना कुमारी का निधन हुआ था। जब उनके अंतिम दर्शन करने नरगिस पहुंची तो उन्होंने अपनी सहेली को देखकर एक बात कही, जो थी- “मीना तुम्हें मौत मुबारक हो।” नरगिस, मीना कुमारी के दर्द से वाकिफ थीं, इसलिए उन्होंने ऐसा कहा था। उन्होंने मीना के शव को देखकर बोला था कि ये दुनिया आप जैसे लोगों के लिए है ही नहीं।”