CineGram: राज कपूर की फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ हिंदी सिनेमा के इतिहास की वो फिल्म है जिसे लेकर विवाद भी हुआ और इसे खूब पसंद भी किया गया। इसमें जीनत अमान का किरदार काफी चर्चा में रहा था, लेकिन कम ही लोग इस बात को जानते होंगे कि इस किरदार के लिए राज कपूर की पहली पसंद और कोई नहीं बल्कि स्वर कोकिला लता मंगेशकर थीं।
जी हां! लता मंगेशकर को भी फिल्म की कहानी काफी पसंद आई थी और वह इसे करने के लिए राजी हो गई थीं। मगर कुछ ऐसा हुआ कि उन्होंने फिल्म के लिए इनकार कर दिया और इसके पीछे का कारण पत्रकार वीर सांघवी ने अपनी किताब में बताया है। उन्होंने बताया कि लता मंगेशकर को राज कपूर की बात बुरी लग गई थी जिसके कारण उन्होंने फिल्म न करने का मन बना लिया।
दरअसल फिल्म की कहानी ऐसी थी कि जो हीरो होता है वो हीरोइन की आवाज सुनकर ही उसका दीवाना हो जाता है। जब फिल्म को लेकर लता मंगेशकर ने राज कपूर से मुलाकात की और वह तैयार हो गईं। इसके बाद राज कपूर खास बातचीत में फिल्म को लेकर अपना नजरिया बताने लगे और उनके मुंह से कुछ ऐसा निकल गया, जिससे लगा मंगेशकर नाराज हो गईं।
वीर सांघवी ने अपनी किताब में बताया कि राज कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था, “आप एक पत्थर ले लीजिए, लेकिन वो पत्थर तब तक रहेगा जब तक उस पर कोई धार्मिक निशान न बना हो और जब ऐसा हो जाता है तो वो भगवान बन जाता है। इस तरह ही जब आप एक मधुर आवाज सुनते हैं और उसके दीवाने हो जाते हैं, लेकिन जब आपको पता चलता है कि आवाद एक बदसूरत लड़की की है तो…” राज कपूर को समझ आ गया था कि वो कुछ गलत बोल गए, इसलिए वो चुप हो गए। उन्होंने पूरी कोशिश की थी कि वो इंटरव्यू किसी तरह हट सके और लता मंगेशकर तक ये बात पहुंच गई और उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया।
भले ही लता मंगेशकर ने ये फिल्म करने से इनकार कर दिया था लेकिन इसके गाने में आवाज उन्हीं की थी। इसके बाद फिल्म में जीनत अमान को लिया गया और उन्होंने अपना रोल बखूबी निभाया, जिसे दर्शक आज भी याद करते हैं।