CineGram: हिंदी सिनेमा जगत के मशहूर कलाकारों में से एक कादर खान ने दो दशक तक इंडस्ट्री में राज किया। उनकी गिनती बेहतरीन अभिनेताओं में होती थी, लोग आज भी उनकी फिल्में देखना पसंद करते हैं। भले ही 2018 में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया हो, लेकिन लोगों के दिल में उनकी यादें आज भी जिंदा हैं। जो भी कुछ नाम उन्होंने कमाया उसका कुछ श्रेय दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार को भी जाता है, अगर उनकी नजर कादर खान पर न पड़ी होती तो शायद वो आज इंडस्ट्री का बड़ा नाम न होते।
कादर खान का जन्म भारत नहीं, बल्कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुआ था वह पठान के परिवार से थे। मगर जब कादर खान छोटे थे, तभी उनके माता-पिता काम की तलाश में मुंबई आ गए। जब कादर खान एक साल के थे तो माता-पिता का भी तलाक हो गया। घर की माली हालत खराब थी, जिसके कारण बचपन में ही कादर खान ने बुरा वक्त देखा। उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली और उनके सौतेले पिता का रवैया भी ठीक नहीं रहा। इनकी मां घर चलाने के लिए मेहनत मजदूरी करती रहीं और ये देख कादर खान को दुख पहुंचता था। उन्होंन मजदूरी करने का फैसला लिया और फैक्ट्री में काम करने का सोचा। लेकिन जब ये बात उनकी मां को पता चली तो वो नाराज हो गई। उन्होंने कादर को पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए कहा और उन्होंने अपनी मां की बात पर गौर किया।
कादर खान ने अपनी पढ़ाई पूरी की, उन्होंने इस्माइल युसूफ कॉलेज से ग्रेजुएशन की और फिर सिविल इंजीनियरिंग भी की। कॉलेज में जो भी नाटक या प्ले होते थे, कादर उसमें भाग लेते थे और उनका अभिनय लोगों को खूब पसंद भी आता था। इंजीनियरिंग करने के बाद कादर खान ने मुंबई में बतौर सिविल इंजीनियर प्रोफेसर नौकरी की और साथ ही नाटक में काम करते रहे।
वो न केवल नाटक में काम करते थे, बल्कि नाटक लिखते और उन्हें डायरेक्ट भी करते थे। इसी बीच एक बार कॉलेज के एनुअल ड पर उनके नाटक को हर कैटेगरी में अवॉर्ड मिला और जब ये बाद दिलीप कुमार को पता चली तो उन्होंने भी इस नाटक को देखने की इच्छा जाहिर की। उनके लिए एक बार फिर उस नाटक का आयोजन हुआ और दिलीप कुमार को कादर खान की एक्टिंग खूब पसंद आई और तुरंत उन्होंने कादर खान को अपनी दो फिल्मों में साइन कर लिया।
हालांकि इन फिल्मों से कादर खान को पहचान नहीं मिली, लेकिन उनके एक्टिंग करियर के लिए रास्ता जरूर मिल गया। साल 1973 में कादर खान ने फिल्म ‘दाग’ में वकील का किरदार किया और दर्शकों को उनकी एक्टिंग खूब पसंद आई। इसके बाद उनका फिल्मी सफर शुरू हुआ और वो न केवल एक्टर बल्कि बतौर राइटर भी काम करने लगे। उन्होंने अमिताभ बच्चन के लिए भी कई फिल्मों के डायलॉग लिखे।
