CineCrime: फिल्म इडस्ट्री में कई एक्टर्स ऐसे रहे जिन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। किसी को अपनों ने मारा तो कोई काम की तलाश में अपनी जान गवा बैठा। ऐसा ही एक मामला नीरज ग्रोवर का भी रहा, जिसे शक आधार पर दर्दनाक मौत दी गई। ये एक हाई प्रोफाइल केस था, जिसकी जांच में फॉरेंसिक टीम लगी और सच सामने आया।

नीरज ग्रोवर प्रोडक्शन हाउस से जुड़े थे और लव ट्रांयगल में फंसना उनके लिए भारी पड़ गया। नीरज, कन्नड़ एक्ट्रेस मारिया सुसाइराज के प्यार में पड़े थे और मारिया के प्रेमी ने उनके टुकड़े-टुकड़े कर आग लगा दी। मामला साल 2008 का है, मारिया मुंबई में रहती थी और उनका बॉयफ्रेंड मैथ्यू नेवी में था। नीरज और मारिया की दोस्ती हो गई और 6 मई को मारिया को मलाड में शिफ्ट होना था और नीरज उनकी मदद के लिए वहां गए। वह रात को मारिया के घर ही रुक गए और तभी मैथ्यू ने कॉल कर दिया।

मैथ्यू को आई आदमी की आवाज

मैथ्यू जब मारिया से फोन पर बात कर रहा था उसे आदमी की आवाज सुनाई दी। मैथ्यू को शक हुआ और उसने मारिया से इसके बारे में पूछा। मारिया ने मैथ्यू को सब सच बता दिया। मैथ्यू भड़का और उसने नीरज को वहां से भेजने को कहा लेकिन मारिया नहीं मानी, जिसका हरजाना नीरज को अपनी जान गवाकर चुकाना पड़ा।

तुरंत फ्लाइट पकड़कर आया और कर दिए 300 टुकड़े

मैथ्यू को मारिया की बात बुरी लगी और वह तुरंत कोच्चि से फ्लाइट लेकर मुंबई पहुंच गया। उसे मारिया के घर नीरज मिला और दोनों के बीच हाथापाई हुई। मैथ्यू इतने गुस्से में था कि उसने नीरज के चाकू घोंप दिया। मारिया डर गई और दोनों ने हत्या का सबूत मिटाने के लिए पहले शव के 300 टुकड़े किए और फिर उन टुकड़ों को जंगल में ले जाकर जला दिया।

कई दिनों तक नहीं मिली खपर तो खुली पोल

जब कई दिनों तक नीरज का पता नहीं चला तो उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। इसमें मारिया से पूछताछ हुई। पहले तो मारिया ने पुलिस को झांसा देने की कोशिश की लेकिन पुलिस तो पुलिस ठहरी। आखिरकार मारिया को सच कबूल करना पड़ा। इसके साथ ही मारिया की सोसाइटी के गार्ड ने पुलिस को बता दिया था कि मारिया के साथ एक और शख्स था और दोनों ने उस रात गाड़ी में एक बैग डाला था।

11 जुलाई 2011 को मैथ्यू को 13 साल की सजा हुई और मारिया को सबूत मिटाने के जुर्म में तीन साल की सजा सुनाई गई। जांच में पुलिस को शव के टुकड़े तो नहीं लेकिन हड्डियां औ दांत मिले थे। डीएनए के बाद साबित हुआ कि वो नीरज के थे और फिर उन्हें परिवार को सौंप दिया गया।