फिल्म- छावा
जॉनर- पीरियड ड्रामा फिल्म
स्टारकास्ट- विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना, अक्षय खन्ना, विनीत कुमार सिंह, आशुतोष राणा, डायना पेंटी और अन्य
डायरेक्टर- लक्ष्मण रामचंद्र उतेकर
रेटिंग- 3.5/5

Chhaava Review In Hindi: सिनेमाघरों में हर हफ्ते कोई ना कोई फिल्म रिलीज होती है लेकिन, मायने ये रखता ही स्क्रीन और दर्शकों के दिलों पर छाप कौन सी फिल्म छोड़ती है। ऐसी कम ही फिल्में होती हैं, जिसे देखने के बाद दर्शकों की आंखों में आंसू हों और दिल पसीज उठा हो। ऐसा कम ही बार हो पाता है कि पीरियड ड्रामा फिल्म को देखकर आंखों में आंसू हों। ऐसी बेहतरीन फिल्में सालों में बनती हैं। विक्की कौशल ठीक वैसी ही फिल्म लेकर आए हैं, जो ना केवल इतिहास के पन्नों को पलटती है बल्कि उनकी एक्टिंग में निखार का परिचय देती है। उनका ना केवल स्टारडम बढ़ रहा है बल्कि वो एक अभिनेता के तौर पर खुद को भी आगे बढ़ा रहे हैं।

विक्की कौशल अपने करियर का ग्राफ बढ़ा रहे हैं। वो नए किरदार और नया सीख रहे हैं। उनका एक्सपेरिमेंट ही उनको करियर में आगे बढ़ा रहा है और इंडस्ट्री में पहचान दिलाने का काम कर रहा है। विक्की अपनी नई फिल्म ‘छावा’ को लेकर चर्चा में हैं, जिसे सिनेमाघरों में वैलेंटाइन्स डे के मौके पर 14 फरवरी को रिलीज कर दिया गया है। ये एक पीरियड ड्रामा फिल्म है, जो कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी महाराज पर आधारित है। इसके जरिए वो पहली बार रश्मिका मंदाना के साथ स्क्रीन शेयर करते हुए नजर आए। वहीं, मूवी में अक्षय खन्ना और विनीत कुमार सिंह जैसे स्टार्स भी हैं, जिसने इस फिल्म को खास बना दिया है। चलिए बताते हैं इस फिल्म के बारे में…

वीरता और साहस का परिचय है ‘छावा’ की कहानी

विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ की कहानी की बात की जाए तो ये साहस और वीरता का परिचय है। कहानी कुछ ऐसी थी कि छत्रपति शिवाजी महाराज के निधन के बाद मुगलों के औंसले बुलंद होने लगे थे। उनके नापाक इरादे और लोगों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे थे। वहीं, भले ही शिवाजी चले गए थे लेकिन, जगलों में अपनी सोच को छोड़ गए थे। ये सोच कोई और नहीं बल्कि छावा के रूप में सामने आई। अब ये छावा कौन थे? छावा संभाजी महाराज थे, जो शिवाजी के बेटे थे। छत्रपति शिवाजी महाराज उनको छावा कहते थे। जब मुगल साम्राज्य के जुल्म और अत्याचार लोगों पर बढ़ चुके थे तो उसी समय संभाजी महाराज के साहस और वीरता ने औरंगजेब का तख्त हिलाकर रख दिया था। इस फिल्म की कहानी में छावा की वीरता, साहस, महानता और कौशल देखने लायक है। इसे सिनेमाघरों में देखने का अनुभव ही अलग है।

कैसी है फिल्म?

शिवाजी महाराज के कारनामों से हर कोई वाकिफ है लेकिन, संभाजी महाराज के बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे। ऐसे में ये फिल्म इतिहास की ये गौरव गाथा पहुंचाने का काम करने वाली है। ‘छावा’ एक बेहतरीन फिल्म है, जिसके जरिए आप संभाजी महाराज की बहादुरी के बारे में जान पाएंगे। फिल्म अच्छी है या बुरी, ये सिर्फ इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि इसमें एक सीन है, जिसमें औरंगजेब की बेटी कहती है कि संभा तो अपनी मौत का जश्न मनाकर चला गया और हमें छोड़ गया अपनी जिंदगी का मातम मानने। इस सीन से आप संभाजी महाराज की वीरता से रूबरू होंगे बल्कि एहसास हो गया होगा कि फिल्म में क्या है।

विक्की कौशल ने दी करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस

फिल्म ‘छावा’ में विक्की कौशल और बाकी स्टार्स की एक्टिंग के बारे में बात की जाए तो इस मूवी के जरिए आप विक्की के करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस को देख पाएंगे। इस फिल्म में देख सकते हैं कि कैसे विक्की ने संभाजी महाराज के कैरेक्टर में खुद को रम लिया था। आपको एक पल के लिए भी एहसास नहीं होगा कि ये फिल्म है। उनकी एक्टिंग की वजह से आप छावा यानी कि संभाजी महाराज के साहस और वीरता को महसूस कर पाएंगे। उनकी प्रेजेंटेशन, डायलॉग डिलीवरी सबकुछ कमाल का है। वहीं, रश्मिका मंदाना भी शानदार लगी हैं। उन्होंने छावा की पत्नी येसुबाई का रोल प्ले किया है, जो स्वराज की रक्षा के लिए पति के साथ खड़ी रहती हैं। इसके साथ ही फिल्म में अक्षय खन्ना भी हैं, जो औरंगजेब की भूमिका में क्या लगे हैं? उनके कैरेक्टर को देखकर तो गुस्सा भी आएगा और डर भी महसूस करेंगे। फिर विनीत कुमार सिंह ने तो कमाल ही कर दिया। उनकी कविताएं और साहस लाजलाब रहा। फिल्म में आशुतोष राणा भी हैं, जो अभिनय के धनी हैं। उनका फिल्म में होना कमाल ही होता है।

फिल्म में डायना पेंटी भी अहम रोल में हैं लेकिन, उनके पास औरंगजेब यानी कि अक्षय खन्ना के इर्द-गिर्द घूमने के अलावा कुछ खास करने के लिए नहीं था। अक्षय भले ही औरंगजेब के रोल में थे लेकिन, उनके पास स्क्रीन स्पेस खास नहीं रहा है। भले ही उनका कैरेक्टर डरावान रहा लेकिन, उनका स्क्रीन स्पेस भी कम होता है। कुल मिलाकर फिल्म का सारा भार विक्की पर टिका हुआ है।

लक्ष्मण उतेकर ने डायरेक्शन में दिखाई ईमानदारी

इसके अलावा अगर ‘छावा’ के डायरेक्शन की बात की जाए तो इसका निर्देशन लक्ष्मण उतेकर ने किया है। इसके पहले वो ‘हिंदी मीडियम’, ‘लुका छिपी’ और ‘मिमी’ जैसी फिल्में की है। लेकिन, इस बार का जोनर हर बार से एकदम अलग था और चैलेंजेस भी काफी रहे होंगे क्योंकि इतिहास पर फिल्म बनाना आसान नहीं होता है। लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना ही बड़ा चैलेंज होता है। यहां रत्ती भर भी कुछ गलत हुआ तो फिल्म का करियर खत्म हो जाता है। ऐसे में इन चैलेंजेस पर लक्ष्मण उतेकर खरे उतरे हैं। इसका एक-एक सीन बताता है कि उन्होंने बड़ी ही बारिकियों के साथ फिल्म पर काम किया है। उन्होंने हर कैरेक्टर पर फोकस किया है और उसकी अहमियत दिखाई है। वहीं, छावा की वीरता और साहस दिखाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है।

वहीं, थोड़ी तारीफ के हकदार फिल्म को बनाने वाले मैडॉक फिल्म्स और दिनेश विजान भी हैं कि उन्होंने ऐसी कहानी को चुना और दर्शकों को छावा के बारे में दिखाने के बारे में सोचा, जिसके बारे में कम ही लोग जानते होंगे।

म्यूजिक और बैक ग्राउंड स्कोर

इसके साथ ही अगर फिल्म ‘छावा’ के बैकग्राउंड स्कोर और म्यूजिक की बात की जाए तो ए आर रहमान ने इसका शानदार म्यूजिक तैयार किया है, जो कि फिल्म की हर कड़ी को जोड़ते हैं। जहां ए आर रहमान का नाम जुड़ जाता है उसका म्यूजिक खुद ब खुद कमाल हो जाता है। उनके म्यूजिक के साथ फिल्म के हर सीन को फील कर पाएंगे। ये आपके अनुभव और भी अच्छा बनाते हैं।

फिल्म देखनी चाहिए या नहीं

अब बात करें फिल्म ‘छावा’ को देखने की और ना देखने के सवाल की तो ऐसी फिल्में देखने के लिए बहुत कम ही मिल पाती हैं तो जाहिर है कि देखना चाहिए। अगर आप पीरियड फिल्मों के दीवाने हैं तो ये आपके लिए किसी ट्रीट से कम नहीं हैं। वहीं, विक्की के फैन हैं तो छावा के रोल में उनको देखना एक अलग अनुभव है। फिल्म की कहानी के साथ-साथ एक्टिंग में भी दम है। कुल मिलाकर आपको इस फिल्म को मिस नहीं करना चाहिए। साहस और वीरता की इस सच्चाई को जरूर देखना चाहिए।

Chhaava: कौन थे संभाजी महाराज जिनका रोल निभा रहे हैं विक्की कौशल? औरंगजेब भी था उनका कायल, ऐसे मिला था छावा नाम