किसी ने नहीं सोचा होगी कि पौराणित कथा पर आधारित फिल्म ‘आदिपुरुष’ को लेकर इतना विवाद खड़ा हो सकता है। फिल्म को रिलीज हुए एक दिन हुआ है। हर कोई बेसब्री से ओम राउत की इस फिल्म का इंतजार कर रहा था। लेकिन अब दर्शकों को निराशा हाथ लगी है। फिल्म के डायलॉग ऐसी भाषा में लिखे गए हैं जो अशोभनीय हैं।

सोशल मीडिया के अलावा तमाम दिग्गज लोग भी इसकी आलोचना कर रहे हैं। सालों पहले जिन्होंने ‘रामायण’ का चित्रांकन किया था, वो रामानंद सागर थे। अब उनके पोते ने इसपर आपत्ति जताई है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिल्म के डायलॉग को लेकर मोदी सरकार से सवाल किया है।

छत्तीसगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम ने फिल्म ‘आदिपुरुष’ के डायलॉग की कड़ी निंदा की। उनका कहना है कि हिंदुओं के आराध्य देवों की छवि बिगाड़ने की कोशिश की गई है। बघेल ने कहा कि फिल्म में हनुमान जी से बजरंग दल जैसे शब्द बुलवाये गए हैं। Adipurush में भगवान राम को युद्धक राम दिखाया गया है और बजरंग बली को एंग्री बर्ड के रूप में दिखाया है। उनका कहना है कि ज्ञान और भक्ति के प्रतीक हनुमान जी को क्रोधित दिखाया गया है, जिसकी आंखें लाल और बाल बिखरे हुए हैं।

बघेल ने कहा कि भगवान की ऐसी कल्पना ना तो हमारे पूर्वजों ने की थी और ना ही ये आज का समाज स्वीकार करता है। उनका कहना है कि ‘आदिपुरुष’ में अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया गया है, हनुमान जी के जो डायलॉग हैं वह काफी निम्नस्तर के हैं।

‘द कश्मीर फाइल्स’ का जिक्र कर नेताओं पर साधा निशाना

भूपेश बघेल ने कहा कि जिस तरह फिल्म में आराध्य देव की भूमिका निभा रहे पात्रों से आपत्तिजनक भाषा बुलवाई गई है, वह उसकी निंदा करते हैं। अगर आज के बच्चे इस फिल्म को देखेंगे तो उनपर इसका गलत असर पड़ेगा। उनका कहना है कि जो राजनीतिक दलों के लोग धर्म के ठेकेदार बनते हैं वह इस मामले में मौन क्यों हैं? ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरल स्टोरी’ जैसी फिल्मों पर जो नेता बयान देते थे, वह अब चुप क्यों हैं?

ट्विटर पर मोदी सरकार से मांगा जवाब

भूपेश बघेल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने लिखा,”मैंने ‘आदिपुरुष’ के बारे पढ़ा और सुना। अत्यधिक पीड़ा हो रही है कि आखिर कैसे सेंसर बोर्ड ने एक ऐसी फिल्म को सर्टिफिकेट दे दिया जो हमारी आस्था से खिलवाड़ कर रही है, हमारे आराध्य का मजाक उड़ा रही है। केंद्र सरकार को इसका जवाब देना होगा। हमारे भांचा राम का अपमान हम नहीं सहेंगे। ज़िम्मेदार लोग माफ़ी मांगे।”