नरेंद्र मोदी सरकार की ‘स्वच्छता अभियान’ के ब्रांड एंबेसडर और कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने आज तक के कार्यक्रम, ‘पंचायत उत्तर प्रदेश 2021’ में अपने चुटीले अंदाज़ से दर्शकों का मनोरंजन किया। इसी दौरान उन्होंने अपने एक जोक में राष्ट्रपति का जिक्र किया जिस पर फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि क्या राष्ट्रपति के नाम पर इस तरह की फूहड़ता स्वीकार है।
दरअसल राजू श्रीवास्तव ने कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘हमारे पति बीमार हैं, ट्रेन से आए हैं कानपुर। हमने कहा कि पति तो आपके सामने बैठे हैं… नहीं राम नाथ कोविंद, राष्ट्रपति। अब पूरे राष्ट्र के जो पति हैं, तो हमारे भी पति हैं।’
राजू श्रीवास्तव के वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए विनोद कापड़ी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के ब्रांड एंबेसडर और यूपी फिल्म विकास परिषद के चैयरमैन राजू श्रीवास्तव भारत के राष्ट्रपति को पूरे देश का पति बताकर कॉमेडी के नाम पर फूहड़ता कर रहे हैं, ये आपको स्वीकार है नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ?’
नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान का Brand ambassador और यूपी फ़िल्म विकास परिषद के चेयरमैन #RajuSrivastav भारत के राष्ट्रपति को पूरे देश का पति बता कर कॉमेडी के नाम पर जो फूहड़ता कर रहे हैं , ये आपको स्वीकार है @narendramodi @myogiadityanath ? pic.twitter.com/34G9hdoOUK
— Vinod Kapri (@vinodkapri) August 6, 2021
विनोद कापड़ी के इस ट्वीट पर ट्विटर यूजर्स की मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। महेंद्र सिंह नाम के एक यूजर ने फिल्ममेकर को जवाब दिया, ‘इसमें क्या फूहड़ता हो गई श्रीमान? हां, धक्के की कॉमेडी ज़रूर है, लेकिन इसमें फूहड़ता क्या है? राष्ट्रपति के पद का इतना बड़ा होव्वा मत बनाओ कि लोग उनके बारे बात करते हुए भी डरें। कुछ लोग देवी-देवताओं के नाम पर आहत हो जाते हैं, आप राष्ट्रपति के नाम पर। फर्क क्या है?’
तमकीन फैयाज नाम के यूजर ने लिखा, ‘कभी राष्ट्र और राज्य के संवैधानिक मुखिया राष्ट्रपति व राज्यपाल का कार्टून नहीं बनाया जा सकता था उपहास नहीं किया जा सकता था पर अब तो नया भारत है। राजू से भी ज़्यादा उपहास तो तब बना था जब राष्ट्रपति इतने किनारे हो गए थे कि रेड कार्पेट से इतर चलते उनके चित्र मीडिया में छपे थे।’
रिद्धिश्याम दुबे नाम की एक यूजर ने लिखा, ‘जो देश के स्वतंत्रता सेनानी और देश के पहले पीएम के बारे में ऊलजलूल बातें करते फिरते हैं उनसे क्या उम्मीद कर सकते है।’ डीएस नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘शांत हो जाइए, ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का ही एक हिस्सा है, इसमें कुछ आपत्तिजनक नहीं है।’
मनोहर लाल नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘कॉमेडियन कॉमेडी न करे तो क्या करेगा?’ डुमू विंसेंट नाम के एक यूजर लिखते हैं, ‘गणतंत्र है, राजतंत्र नहीं। क्या बुराई है?’