फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप की गिनती बॉलीवुड के बेहतरीन फिल्ममेकर्स में होती है। अनुराग कश्यप को ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘देव डी’, ‘गुलाल’ जैसी शानदार फिल्मों के लिए जाना जाता है। वह अकसर ही किसी ना किसी वजह से चर्चा में बने रहते हैं।

अब हाल ही में निर्देशक ने विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ और ‘द केरल स्टोरी’ जैसी “प्रोपेगेंडा” फिल्मों की चर्चा के बीच फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप का कहना है कि वह “किसी भी तरह की सेंसरशिप” में विश्वास नहीं करते हैं। किसी सीन या संवाद को लेकर असहमती हो सकती है, लेकिन इन फिल्मों पर चर्चा करनी चाहिए।

अनुराग कश्यप ने कही यह बात

दरअसल हाल ही में फिल्ममेकर से ओटीटी प्ले को दिए एक इंटरव्यू में सवाल किया गया था कि ‘द कश्मीरी फाइल’ और ‘द केरल स्टोरी’ जैसी फिल्में कैसे सुपरहिट हो गईं? जिन पर एकतरफा पक्षपात करने का आरोप लगा था। इसके अलावा इन फिल्मों को प्रोपेगेंडा भी बताया गया था। इस पर जवाब देते हुए अनुराग कश्यप ने कहा कि “मैं किसी भी तरह की सेंसरशिप में विश्वास नहीं करता। हम जागरूकता और शिक्षा की स्थिति के मुताबिक बात करते हैं। फिल्म निर्माता ने कहा कि जब वह कहते हैं कि वह एक फेमिनिस्ट हैं, तो उन्हें लोगों द्वारा यह सिखाने का सौभाग्य मिला है कि फेमिनिस्ट का क्या मतलब है और किसी को ऐसा क्यों होना चाहिए।’

बातचीत करना जरूरी

निर्देशक ने आगे कहा कि ‘अगर कुछ अन्य लोगों ने यह नहीं सीखा है, तो आप यह नहीं कह सकते कि उन्हें किसी भी मुद्दे पर में रहने या बोलने का अधिकार नहीं है। मुझे लगता है कि हर किसी का डिबेट में शामिल होना बहुत जरूरी है। जब कोई मेरे साथ बातचीत कर रहा हो तो मैं उसकी बात को बहुत ध्यान से सनता हूं। आखिर मैं भी तो यूपी से ही हू। शिक्षा की वजह से ही मैं ऐसा बन पाया हूं, तो किसी ने मुझे समझाने के लिए पहले मुझसे बातचीत करना जरूरी है।’

फिल्मों को रद्द करना मुश्किल

अनुराग कश्यप ने आगे कहा कि ‘इसी तरह, जब आप किसी फिल्म से असहमत हों, तो उनके निर्माताओं के साथ बातचीत करें, जैसे कि सुधीर मिश्रा ने की थी। उन्होंने विवेक अग्निहोत्री से बातचीत की। यही समय की मांग है। मैं कह रहा हूं कि लोगों को आंकना, खारिज करना और रद्द करना बहुत आसान है, लेकिन अब इस तरह की फिल्मों को खारिज करना भारी पड़ सकता है।’