बॉलीवुड निर्देशक केडी सत्यम का कहना है कि जब उन्होंने ‘बॉर्न इन टू ब्रॉथेल्स’ देखी तो यौनकर्मियों और ऐसे इलाकों के बारे में उनकी सोच में 360 डिग्री का बदलाव आया। इसने उनके पूरे नजरिए को बदल डाला। सत्यम की आने वाली फिल्म ‘बॉलीवुड डायरीज’ में एक किरदार कोलकाता के सोनागाछी में काम करने वाली यौनकर्मी का है जिसका सपना बॉलीवुड में हीरोइन बनना है। इस किरदार को ‘चोखेर बाली’ फेम राइमा सेन ने निभाया है। एक बातचीत में सत्यम ने कहा कि जब मैंने ‘बॉर्न इन टू ब्रॉथेल्स’ देखी तब यौनकर्मियों और उनके स्थान इत्यादि को लेकर मेरी सोच को पूरी तरह बदल कर रख दिया।
उन्होंने कहा कि सोनागाछी से फिल्मों में जाना बिल्कुल संभव है। इस डॉक्यूमेंट्री में वास्तव में एक बच्चा अभिजीत विदेश जाता है। वह वहां होने वाले एक आर्ट फेस्टिवल में भाग लेता है। डॉक्यूमेंट्री की निर्देशक जाना ब्रिस्की की पहली इच्छा सिर्फ सोनागाछी में काम करने वाली महिलाओं की तस्वीर लेने वाली होती है। लेकिन बाद में जब उसकी नजर उनके बच्चों पर पड़ती है तो वह अपनी पूरी परियोजना को बदल देती है और फिर एक बच्चे को लेकर विदेश तक जाती है।
सत्यम ने कहा कि गौर करने वाली बात यह है कि जो भी लोग समाज के हाशिए पर या तथाकथित असम्मानजनक कामकाज वाले क्षेत्र में होते हैं, वे अपने जीवन में फिल्मों से ही प्रेरणा लेते हैं। उनके अंदर एक जुनून होता है कला के प्रति, फिल्मों के प्रति। उनकी फिल्म इसी जुनून और सपने को बताती है। उन्होंने कहा कि उनकी कहानी में राइमा का किरदार इस डाक्यूमेंट्री से प्रेरित नहीं है। लेकिन इस वृत्तचित्र ने ही उन्हें सोनागाछी के बारे में विस्तृत समझ बनाने में मदद की।
अपने किरदार के बारे में राइमा ने बताया कि आमतौर पर जब यौनकर्मी के किरदार को निभाने की बात आती है तो कुछ स्टीरियोटाइप दिमाग में होता है कि फिल्म में अंग प्रदर्शन इत्यादि होगा। लेकिन सत्यम ने पूरी फिल्म में इसे प्रयोग नहीं किया।
वह सिर्फ एक किरदार की मनोवैज्ञानिक स्थिति दर्शाते हैं। मेरे किरदार के साथ भी उन्होेंने ऐसा ही किया है। यह फिल्म 26 फरवरी को रिलीज हो रही है। इसमें राइमा के अलावा आशीष विद्यार्थी और सलीम दीवान की मुख्य भूूमिकाएं हैं।