जहां कोरोना की वैक्सीन के जल्दी विकसित होने से लोगों में खुशी है तो कुछ ऐसे लोग भी हैं जो वैक्सीन के इतनी जल्दी विकसित होने पर सवाल उठा रहे हैं। बॉलीवुड एक्टर कमाल रशीद खान (KRK) ने अपने ट्विटर पर कहा है कि चाहे कुछ भी हो जाए, वो कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। उन्होंने इसे पीछे वैक्सीन का भरोसा योग्य न होना बताया है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘चाहे मुझे कुछ भी हो जाए लेकिन में कोरोनावायरस की वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा क्योंकि मैं उस वैक्सीन पर भरोसा नहीं कर सकता जो 4-5 सालों के बजाए केवल कुछ महीनों में विकसित कर ली गई हो। धन्यवाद!’ उनके इस ट्वीट पर यूजर्स भी अपना रिएक्शन दे रहे हैं। कुछ लोग उनकी बातों से सहमति जाता रहे हैं लेकिन अधिकतर उन्हें ट्रोल ही कर रहे हैं। सूर्या नाम के यूज़र लिखते हैं, ‘विश्व के टॉप डॉक्टर्स से भी ज़्यादा ज्ञानी हैं KRK। मुझे लगता है कि सभी को वैक्सीन लगानी चाहिए..और अगर कोई इंकार करता है तो उसे जबरदस्ती वैक्सीन देनी चाहिए।’
सचिन सिंह ने लिखा, ‘अशिक्षित लोग कब सुधरेंगे, कभी तो समझो बात को।’ मनीषा नाम की यूजर ने सख्त लहजे में एक्टर को जवाब दिया, ‘अगर आप नहीं चाहते तो बिल्कुल ठीक है लेकिन अपने बेकार के ट्वीट से लोगों को कृप्या भ्रमित न करें।’ क्रिकेट फ्रीक नाम के यूज़र ने लिखा, ‘जब इसका परीक्षण करोड़ों लोगों पर हो जाए और नतीजा सुरक्षित निकले तभी आप इसे लीजिएगा।’ नितिन ने लिखा, ‘कहीं न कहीं आप सही कह रहे हैं।’
Whatever will happen to me but I won’t get any #vaccine of #coronavirus because I don’t trust that #vaccine which is produced within few months instead of 4-5 years. Thanks!
— KRK (@kamaalrkhan) January 1, 2021
प्रमोद गुप्ता ने व्यंग के अंदाज़ में लिखा, ‘वैक्सीन तो 4-5 सालों में ही बनी है, चीन ही कोरोना फैलाने में लेट हो गया।’ मुना नाम के यूज़र लिखते हैं, ‘कोरोनावायरस कोई नया वायरस नहीं है। इस परिवार के पहले मेंबर को 2002 में ढूंढा गया था। वैक्सीन पर काम पिछले 10 सालों से चल रहा था। अब बात सिर्फ इतनी है कि ज़्यादा तेज़ी से फैलने वाला वायरस आ गया है। जैसे ही फंडिंग तेज़ की गई, वैक्सीन तैयार हो गई। अगर आप साइंस नहीं जानते, लोगों को भ्रमित भी मत कीजिए।’
अमूमन किसी भी वायरस की वैक्सीन विकसित करने में सालों का वक्त लग जाता है लेकिन कोरोनावायरस की आपात स्थिति को देखते हुए पूरी दुनिया के संबंधित वैज्ञानिक इसके वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रहे थे। हालांकि वैक्सीन जल्दी विकसित की गई है फिर भी इसे बनाने के दौरान सभी चरणों का पालन किया गया है। पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी पाए जाने पर ही इसके लगाने की इजाजत दी गई है।