बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में कपूर फैमिली के योगदान को भुलाया नही जा सकता है। इंडस्ट्री में कपूर फैमिली की विरासत का अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है कि कपूर खानदान की चौथी पीढ़ी फिल्मी दुनिया में कदम रख चुकी है। 29 मई को पृथ्वीराज कपूर (Prithviraj kapoor) की पुण्यतिथि है ऐसे में हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं पृथ्वीराज कपूर से जुड़ा हुआ अनसुना किस्सा जिसे बेहद कम लोग जानते हैं।
पृथ्वीराज कपूर बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में तब आए जब सिनेमा भारत में एकदम नया था। पृथ्वीराज 1928 में 22 साल की उम्र में फैसलाबाद से बंबई आए। शुरुआती दिनों में पृथ्वीराज कपूर वकालत की पढ़ाई कर रहे थे लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़कर उन्होंने अभिनेता बनने का फैसला किया। पृथ्वीराज कपूर ने भारत की पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ में काम किया इसके अलावा उनके द्वारा निभाया गया मुगले आजम में अकबर के किरदार को कोई नही भूल सकता है। कड़ी मेहनत के बल पर साल 1944 में 38 साल की उम्र में पृथ्वीराज कपूर ने समंदर किनारे एक आलीशान ‘पृथ्वी थिएटर’ खड़ा कर दिया था।
पृथ्वीराज की जिंदगी में यह एक अहम पड़ाव था। ‘पृथ्वी थिएटर’ में कुछ बेहतरीन नाटक परफॉर्म किए जाने लगे जिनमें राज कपूर भी नजर आने लगे थे लेकिन थिएटर को झटका तब लगा जब राज कपूर ने फिल्मों में जाने का मन बना लिया
हालांकि पृथ्वीराज ने थिएटर जारी रखा शुरूआती दौर में इंपीरियल फ़िल्म कंपनी में काम करने के बाद पृथ्वीराज ने फिल्म ‘एक्स्ट्रा’ में काम किया।
पृथ्वीराज को पहला लीड रोल 1929 में आई फिल्म सिनेमा गर्ल में मिला। इस दौरान पृथ्वीराज ने करीब 9 साइलेंट फिल्में की। सन् 1931 में भारत की पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ में पृथ्वीराज ने काम किया हालांकि इस फ़िल्म में पृथ्वीराज ने छोटा सा रोल किया था। 1941 में आई फ़िल्म सिकंदर ने बड़े पर्दे पर कमाल कर दिया और पृथ्वीराज काफी फेमस हो गए।
बता दें कि पृथ्वीराज कपूर 3 नवंबर 1906 को पंजाब को लयालपुर में पैदा हुए थे। पंजाब को लयालपुर अब पाकिस्तान का हिस्सा है। पृथ्वीराज कपूर के पिता पुलिस अफसर थे। पृथ्वीराज कपूर की शुरूआती पढ़ाई लयालपुर और लाहौर में ही हुई। पेशावर के एडवर्ड कॉलेज में पृथ्वीराज ने 2 साल तक वकालत का कोर्स किया। पृथ्वीराज को फिल्मों से ज्यादा थिएटर पसंद था इसलिए जो भी पैसा कमाते सब थिएटर में लगा देते थे।