Rakesh Tikait: मोदी सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। ऐसे में राकेश टिकैत ने इस बार ऐलान किया है कि जमीन बचाने के लिए बैरीकेड्स भी तोड़ने पड़ेंगे, तो वे तोड़ेंगे। राकेश ने आगे कहा कि- ट्रैक्टर और ट्विटर पर युवा सक्रिय रहें। टिकैत ने ट्वीट कर लिखा- ‘जमीन बचाने के लिए आंदोलन का हिस्सा बनना पड़ेगा, बैरिकेड्स भी तोड़ने पड़ेंगे। यह आंदोलन हर मजदूर, किसान, बेरोजगार, युवा, कर्मचारियों का है।
राकेश टिकैत के इस पोस्ट पर लोगों के ढेरों रिएक्शन सामने आने लगे, तो कई यूजर्स टिकैत से सवाल भी करने लगे। एक यूजर ने लिखा- पहले अपने खर्चे का हिसाब तो दे दे चाचा। किसके पैसों पर मौज ले रहे हो कश्मीर से कन्याकुमारी तक? स्टार होटल, हवाई जहाज का सफर.. कहां से आ रहा है पैसा? शीतल कुमार नाम की महिला ने कहा- अगर आपको आंदोलन ही करना है तो शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करिए ना ये तोड़ने फोड़ने वाली बात करके लोगों को भड़काते क्यों हो या अपने शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर आपको खुद पर विश्वास नहीं है?
राजा हिंदुस्तानी नाम के यूजर ने लिखा- किसानों को मूर्ख बना कर करोड़ों रुपए डकार गया, यू हीं नहीं हर जगह हवाई जहाज से सफर होता और पांच सितारा होटल में कमरा मिलता दोस्तों। सुनील नाम के यूजर बोले- बैरिकेड्स तोडने पड़ेंगे! कभी कभी लगता है टिकैत संविधान से भी बड़ी चीज हैं! ये सब करना इनके लिए बाएं हाथ का काम है, भले चुनाव में जमानत जब्त हुई हैं!
जमीन बचाने के लिए आंदोलन का हिस्सा बनना पड़ेगा,बेरिकेड्स भी तोड़ने पड़ेंगे। यह आंदोलन हर मजदूर, किसान,बेरोजगार, युवा,कर्मचारियों का है।#FarmersProstest @aajtak @PtHimanshu534 @AHindinews @BBCHindi @QuintHindi @news24tvchannel @newsclickin @PTI_News
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) April 4, 2021
प्रकाश पाठक ने लिखा- जमीन किसकी बचानी है? जो भस्मासुर की तरह अपने सर पर हाथ रखेगा, पांडव की तर्ज पर द्रौपदी (जमीन) दांव पर देगा, किसानी छोड़ नेतागिरी करेगा, उसे कौन बचा लेगा? किसान किसानी से बेवफाई कर कानून को दोष दे यह जायज नहीं।
राजेश शर्मा नाम के यूजर ने लिखा- जुमले पर जुमले भैया। अब किसानों को भी समझ में आ गया कि उनके नाम पर डकैत परिवार, रुपए डकार रहा है। अब ये युवा/कर्मचारी कौन-सी किसान कंपनी से आयेंगे ? पश्चिम बंगाल में TMC ने कुछ आर्थिक सहयोग दिया या लिया ?
नवनीत जिंदल नाम के शख्स ने लिखा- जिस दिन देश की जनता तुम सबकी स्वघोषित गुंडागर्दी के विरोध में आ जायेगी उस दिन कहीं छिपने को जगह नहीं मिलेगी। सरकार का विरोध करना है, करिये, हमें कोई तकलीफ नहीं, पर इस गुंडागर्दी वाले विरोध से देश-जनता को परेशान करना बंद करो।

