भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत बीते कई महीनों से दिल्ली से बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। राकेश टिकैत सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। राकेश टिकैत कई बार कह चुके हैं कि जबतक कानून वापस नहीं लिए जाएंगे वह अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। अब राकेश टिकैत ने संसद के बाहर धरना देने की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि संसद सत्र के दौरान वह किसानों के साथ प्रदर्शन करेंगे।

राकेश टिकैत ने कहा, ‘200 लोग बस से संसद की तरफ जाएंगे। हम उन्हें किराया देंगे। संसद की कार्यवाई के दौरान हम बाहर धरना देंगे। हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा। आज इस मामले पर हम लोग मीटिंग करेंगे और यहीं से इस धरना-प्रदर्शन की आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी।’ राकेश टिकैत के इस बयान पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आई है। कुछ यूजर्स ने उनका समर्थन किया तो कुछ उनके इस फैसला का विरोध भी किया है।

अंश नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘दिल्ली से पहले यूपी तो आओ प्रदर्शन करने।’ ट्विटर यूजर राजू ने लिखा, ‘राकेश टिकैत किसानों को कृषि कानून पर गलत सलाह देकर गुमराह कर रहे हैं। वह खुद को नेता बनाने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। असली किसान ऐसे प्रदर्शन से खुद को अलग रख रहे हैं।’ ट्विटर यूजर अराध्य सक्सेना लिखती हैं, ‘वह यूपी चुनाव तक बैठेंगे अगर पंजाब चुनाव में काम नहीं बन पाता है।’

ट्विटर यूजर अभि लिखते हैं, ‘आप अपनी यूनियन के साथ संसद के बाहर क्यों नहीं आ रहे हो। सिर्फ 200 लोग ही क्यों। किसान हमारे भगवान हैं जो आपके साथ बिल्कुल भी नहीं हैं।’ नवीन सिंह नाम से यूजर लिखते हैं, ‘टिकैत की बातों पर अब कोई किसान विश्वास नहीं करने वाला है। ये सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का तरीका है।’ ट्विटर यूजर नेहा सिंह रजावत लिखती हैं, ‘किसानों के हालात मोदी सरकार में बुरे हैं। अब सरकार को कानून वापस लेने ही होंगे।’

डिबेट में राकेश टिकैत की मंशा पर उठाए थे सवाल: आजतक न्यूज़ चैनल को दिए एक इंटरव्यू के दौरान एंकर चित्रा त्रिपाठी ने किसान नेता राकेश टिकैत से सवाल पूछते हुए कहा था कि आप बीजेपी के खिलाफ जो भी मोर्चा बन रहा है, उसका समर्थन कर रहे हैं। तो आपकी मंशा पर सवाल जरूर उठेंगे और अब आप मिशन यूपी का राग लेकर आ गए हैं। इसपर जवाब देते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने बिना भाजपा का नाम लिए हुए उनपर निशाना साधते हुए कहा था कि वे चुनाव लड़ें तो कोई राग नहीं, वे रागिनी और भजन हैं।