Sambit Patra Slams AIMIM Gets Trolled: बिहार विधानसभा में शपथ के दौरान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) के एक विधायक ने उर्दू में शपथ लिया। इस दौरान उन्होंने हिंदुस्तान की जगह भारत शब्द का उपयोग किया। साथ ही इसी नाम की वकालत भी की। इस घटनाक्रम को लेकर सियासी पारा गरमा गया है और विपक्षी पार्टियां हमलावर हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मामले को लेकर एआईएमआईएम को घेरा है।
उन्होंने ओवैसी की पार्टी के विधायक के उर्दू में शपथ लेने और हिंदुस्तान की जगह भारत के इस्तेमाल से जुड़ी एक खबर को शेयर करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘मात्र 5 विधायक चुने गए हैं AIMIM के और उन्होंने “हिंदुस्तान” बोलना वर्जित कर दिया। मित्रों, सोचिए अगर ये 50 विधायक होते तो “भारत” भी ना बोलते। आज “हिंदुस्तान” गया है, कल “भारत” की बारी है। हैदराबाद के मित्रों सोच कर वोट करना।’
“AIMIM MLA uses Bharat in place of Hindustan in Oath”
मात्र 5 विधायक चुने गए है AIMIM के और उन्होंने “हिंदुस्तान” बोलना वर्जित कर दिया ..मित्रों सोचिए अगर ये 50 विधायक होते तो “भारत” भी ना बोलते।
आज “हिंदुस्तान” गया है ..कल “भारत” की बारी है!!
हैदराबाद के मित्रों सोच के वोट करना pic.twitter.com/f4P9p6SUOO— Sambit Patra (@sambitswaraj) November 24, 2020
संबित पात्रा के इस ट्वीट पर यूजर तरह तरह के कमेंट करने लगे। सुमैया खान नाम की यूजर ने लिखा, ‘संविधान में हिंदुस्तान लिखा है या भारत? डॉक्टर पढ़कर बने हो या मोदी जी और इरानी जी की तरह?’। उपमा नाम के हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘सर भारत में आखिर क्या दिक्कत है? अमरीक सिंह नाम के यूजर ने लिखा, ‘अरे तुम ही लोग तो भारत-भारत चिल्लाते हो। भारत को हिंदुस्तान तो मुगलों ने बनाया था और इंडिया अंग्रेजों ने। पतंजलि प्रोडक्ट्स पर भी मेड इन भारत लिखा होता है। मेड इन हिंदुस्तान या इंडिया नहीं।’
वहीं, कुछ यूजर संविधान की कॉपी शेयर कर भी संबित पात्रा पर तंज कसते नजर आए। एक यूजर ने लिखा, ‘संविधान में भी भारत का जिक्र है। हिंदुस्तान कहीं नहीं है और यह भारत का आधिकारिक नाम भी नहीं।’
क्या है पूरा मामला? : दरअसल, बिहार विधानसभा में शपथ के दौरान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के विधायक अख्तरुल इमान ने उर्दू में शपथ लेते हुए हिंदुस्तान की जगह भारत शब्द का उपयोग किया।उनकी इसी बात को विपक्षी पार्टियों ने सियासी मुद्दा बना लिया है और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में इसे भुनाने का प्रयास किया जा रहा है।