सुशांत सिंह राजपूत ने रविवार को मुंबई में स्थित अपने आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लेकिन सुशांत की मौत के बाद उनके पास से कोई सुसाइड नोट न मिलने से वो अपने पीछे कई राज छोड़ गए हैं। यही कारण हैं कि सुशांत के फैंस और परिवार वाले उनकी आत्महत्या की गुत्थी को सुलाझाने के लिए पुलिस से उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। इस बीच झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बॉलीवुड पर हमला बोलते हुए सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर ट्वीट कर लिखा, ‘सुशांत सिंह राजपूत की मौत की न्यायिक जांच होनी चाहिए, मुम्बई फ़िल्म इंडस्ट्री में व्याप्त माफियागिरी व सिंडिकेट को ख़त्म करने के लिए पूर्वांचल के कलाकारों को संघर्ष का बिगुल फूंकना चाहिए।’

वहीं इससे पहले सुशांत के अंकल ने भी उनकी आत्महत्या की जांच की मांग की थी। गौरतलब है कि सांसद निशिकांत दुबे पहले शख्स नहीं हैं जो सुशांत की मौत पर इनवेस्टिगेशन की मांग कर रहे हैं। इससे पहले महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री अनिल देशमुख ने सुशांत की मौत पर फिल्म इंडस्ट्री में बिजनेस राइवलरी के एंगल से जांच की बात कही है। वहीं मुंबई पुलिस भी इस हाई-प्रोफाइल केस में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती, इसी लिए वो इस केस में अलग-अलग बिंदुओं पर मामले की छानबीन में जुटी है।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर बॉलीवुड भी दो खेमों में बंटता नज़र आ रहा है। इस बीच एक्ट्रेस कंगना रनौत ने सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड को साजिशन हत्या करार दिया था। कंगना ने कहा है कि आउटसाइडर्स को आगे बढ़ने से रोकने के लिए साजिशें की जाती हैं। सुशांत ने यह कदम उठाकर उन लोगों को जीत हासिल करवा दी, जो नेपोटिज्म के पैरोकार हैं, मूवी माफिया हैं और खेमेबाजी में यकीन रखते हैं। इसके आगे कंगना ने कहा, ये सुसाइड था कि प्लान्ड मर्डर था। वो चाहते हैं कि वो इतिहास लिखें और ये लिखें कि सुशांत कमजोर दिमाग का था। वो सच्चाई नहीं बताएंगे। हमें ये डिसाइड करना है कि इतिहास कौन लिखेगा।

बता दें न सिर्फ कंगना बल्कि शेखर कपूर, कोएना मित्रा, अभिनव कश्यप, जैसे कई कलाकार बॉलीवुड कलाकार सुशांत की मौत पर सवाल खड़े कर रहे हैं। फिल्ममेकर शेखर कपूर ने ट्वीट कर लिखा, ‘तुम जिस दर्द से गुजर रहे थे उसका मुझे एहसास था। मैं उन लोगों की कहानी जानता हूं जिनकी वजह से आप इतनी बुरी तरह टूटे कि मेरे कंधे पर सिर रखकर रोए। काश पिछले 6 महीने में आपके इर्द-गिर्द होता। काश आप आप मुझ तक पहुंच पाते। जो आपके साथ हुआ, वह उन लोगों के कर्म हैं, आपके नहीं।’