तालिबान के कब्जे के बाद अफ़ग़ानिस्तान में अव्यवस्था की स्थिति बनी हुई है। देश में फंसे हुए विदेशी और बड़ी संख्या में अफ़ग़ान नागरिक भी देश छोड़ने की कोशिश में हैं। वहीं तालिबान की वापसी पर पाकिस्तान से सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई है। पाकिस्तान तहरीक- ए- इंसाफ के नेता अब्दुल समद याकूब ने भी तालिबान का समर्थन किया है जिस पर बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की एक कविता के माध्यम से करारा जवाब दिया।
आज तक के डिबेट शो, ‘हल्ला बोल’ में पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक कमर चीमा ने भी तालिबान का समर्थन किया जिस पर शो की एंकर अंजना ओम कश्यप ने कहा, ‘कमर चीमा इतने खुश हो रहे हैं तालिबान पर, लग रहा है इनके बच्चों का रिपोर्ट कार्ड आया है। अब्दुल समद कहते हैं, नहीं, नहीं, उनके नहीं हमारे बच्चे हैं वो। अब ये सब खुला खेल है।’
उनकी इस टिप्पणी पर बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘80 के दशक में जब सोवियत रूस की फौजें या उनकी सरकार जब अफगानिस्तान में थी तब लड़ाई के लिए मोहरा कौन बना हुआ था? यही पाकिस्तान अमेरिका का मोहरा बना हुआ था। अमेरिका का पैसा लेकर आप 80 के दशक में फल फूल रहे थे और अफगानिस्तान में लड़ाई लड़ रहे थे। अब वही अमेरिका बुरा लगने लगा क्योंकि पैसा चीन से मिलने लगा।’
उन्होंने आगे कहा, ‘आप अमेरिका के पैसों पर अफगानिस्तान में बवाल मचा रहे थे। आज चीन से सपोर्ट लेकर भारत में अस्थिरता फैलाते हैं। याद रखिएगा आप जिस खेल को खेलने की कोशिश कर रहे हैं, उस पर स्वर्गीय अटल जी की कविता की एक लाइन है- चिंगारी का खेल बुरा होता है। औरों के घर में आग लगाने का सपना अपने घर में ही सदा खरा होता है।’
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पाकिस्तान ये न सोचे कि अगर अफगानिस्तान में कुछ गलत होगा तो वो ठीक रह पाएगा बल्कि उसकी जद में पाकिस्तान भी आएगा।
उनके इस टिप्पणी पर अब्दुल समद ने जवाब दिया, ‘भारत का रोल हमेशा से धोखा देने का रहा है। इन्होंने हमेशा अफ़गानी लोगों को धोखा दिया है। जब नजीबुल्लाह की सरकार 1992 में खत्म हुई, उसे देश से निकाला गया तब भारत ने उसे शरण देने से इनकार कर दिया। चार साल यूनाइटेड नेशंस के कंपाउंड में पड़ा रहा। उसने फिर इंडिया भागने की कोशिश की, उसका कत्ल कर दिया गया।’