पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन पहुंचे। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि ये कानून सिर्फ दो-तीन बड़े उद्योगपतियों के लिए लाया गया है। राहुल गांधी के ट्रैक्टर के आगे एक बैनर भी लगा था जिस पर लिखा था, ‘किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानून वापस लो, वापस लो।’ इस मुद्दे पर टीवी डिबेट में भी बहस देखने को मिली। न्यूज 18 इंडिया के डिबेट शो में इसी मुद्दे पर बहस के दौरान एंकर अमिश देवगन और बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा के बीच ही कहासुनी हो गई।
दरअसल डिबेट शो ‘आर पार’ में संबित पात्रा अपनी बात रख रहे थे तभी कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने उन्हें टोक दिया। शो के एंकर अमिश देवगन ने अलका लांबा से कहा कि वो संबित पात्रा को 40 सेकेंड बोलने दें जिसके बाद संबित पात्रा बुरी तरह भड़क गए।
वो गुस्से में अमिश देवगन से बोले, ‘क्या अलका जी..40 सेकेंड दीजिए.. काहे को इतना भीख मांगना है भैया? क्यों मांगना है भीख इससे? नहीं देंगी तो हम नहीं बोलेंगे क्या? ये मांगने वाला और गिड़गिड़ाने वाला काम आप करिए भैया, हम नहीं भीख मांगते हैं अलका लांबा वगैरह से।’
उनकी बात पर अमिश देवगन ने जवाब दिया, ‘किसी से भीख मांगने की बात नहीं हुई थी संबित पात्रा। अगर आपको बोलना है तो मैंने उनको कहा कि वो आपको अपनी बात रखने दें। इसमें भीख मांगने वाली बात क्या आ गई?’
राहुल गाँधी ने बिहार में लालटेन छुआ तो वो बुझ गई और यूपी में सायकल का सहारा लिया तो वो भी टूट गई- संबित पात्रा (BJP)#आर_पार @AMISHDEVGAN @sambitswaraj pic.twitter.com/Zrv5hTOFZ9
— News18 India (@News18India) July 26, 2021
संबित पात्रा बोले जा रहे थे, ‘अब हम अपने तरीके से बोलेंगे। उन्हें 20 सेकेंड दे दीजिए, 40 सेकेंड दे दीजिए…आपको लगता है हमसे बुलवाना है, बुलवा लीजिए, नहीं लगता है मत बुलवाइए। ये भीख नहीं मांग सकते।’ इसी बीच कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘उन्होंने मुझसे निवेदन किया था और मैं अमिश जी का सम्मान करते हुए चुप हो गई।’
जब अमिश देवगन ने संबित पात्रा से कहा कि वो अपनी बात रखें तब उन्होंने कहा, ‘धन्यवाद! दो कृषि कानून तो खुद के उनके डिमांड थे 2019 के चुनावी घोषणापत्र में.. आज कूदकर ट्रैक्टर में बैठ गए। मुझे तो डर ट्रैक्टर का है। आप देखिए पहले तो राहुल गांधी ने लालटेन को छुआ बिहार में, लालटेन फ्यूज हो गई।’
वो आगे बोले, ‘यूपी में गए थे साइकिल में बैठने, साइकिल गई टूट। फिर हाथी में बैठे। अब गए हैं ट्रैक्टर में बैठने..वो जितना ट्रैक्टर में बैठेंगे, हमें फायदा है।’ उनकी बातों के जवाब में अलका लांबा ने कहा कि उनके पास कृषि कानूनों पर बात करने की हिम्मत नहीं है, उनकी बौखलाहट साफ दिख रही है।