महाराष्ट्र में परमबीर सिंह और सचिन वाझे का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ याचिका दायर की है जिस पर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगी। अपने याचिका में परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। परमबीर सिंह ने हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि वो असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर रहे सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ वसूली का टारगेट देते थे।
इस मसले पर बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी गृह सचिव को कुछ सबूत सौंपे हैं और इस प्रकरण पर उचित कारवाई की मांग की है। इस मामले पर टीवी चैनलों पर भी डिबेट देखने को मिल रहा है। ज़ी टीवी के डिबेट शो, ‘ताल ठोक के’ पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि महाराष्ट्र में जो हो रहा है उससे तो यही लग रहा है कि वहां लोग सरकार नहीं बल्कि अंडरवर्ल्ड चला रहे हैं।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ‘ये केवल 100 करोड़ की वसूली का मामला नहीं है। इसमें बम का भी मामला है, एंटीलिया के बाहर एक गाड़ी में भरकर बम रखे गए अर्थात एक आतंकवादी हमले को अंजाम देने की कोशिश हुई। एक हत्या भी हुई। कई गाड़ियां भी मिली सचिन वाझे के घर से। पैसे गिनने वाली मशीन भी मिली। पुलिस कमिश्नर भी मिले हुए थे। मैं पूछना चाहता हूं कि ये MVA (महाराष्ट्र विकास आघाड़ी) जो है, महातथाकथित विनाशकाली आघाड़ी जो है ये सरकार चला रही है या अंडरवर्ल्ड चला रही है।’
संबित पात्रा ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के उस बयान पर भी अपनी टिप्पणी की जिसमें उन्होंने गृहमंत्री का बचाव करते हुए कहा था कि जिस समय वो परमबीर सिंह के पत्र के अनुसार, फरवरी में सचिन वाझे से मिले थे, उस वक्त तो वो कोविड -19 के इलाज के लिए नागपुर के अस्पताल में थे।
इसी बात पर संबित पात्रा ने कहा, ‘ऐसा नहीं कि शरद पवार को इस बारे में जानकारी न हो। चिट्ठी में भी लिखा गया है कि कमिश्नर ने एनसीपी चीफ शरद पवार और उद्धव ठाकरे दोनों को ही अवगत कराया था कि वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है। ये एक बहुत बड़े षड्यंत्र को छिपाने की साजिश है।’
संबित पात्रा ने देवेंद्र फडणवीस के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिए गए सबूतों का जिक्र करते हुए कहा कि जिस व्यक्ति के आइसोलेशन में होने का दावा किया जा रहा है वो आइसोलेशन के दौरान मंत्रालय कैसे चला गया। उनकी बातों पर एनसीपी प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव ने सफाई दी और कहा कि 27 को आइसोलेशन पीरियड खत्म होने के बाद ही अनिल देशमुख मंत्रालय गए।
वो बोले, ‘आप गलत चीज को सही मत कहिए, आपको महाराष्ट्र की जानकारी नहीं है। अभी आप पश्चिम बंगाल में हैं न, वहीं काम करिए, महाराष्ट्र को समझने के लिए आपको टाइम लगेगा।’

