Sunil Dutt: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता सुनील दत्त भीड़ में भी अलग दिखाई देते थे। बात उन दिनों की है जब वे कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। इसी दौरान वे खूब पॉपुलर हो गए। वजह यह थी कि सुनील दत्त की आवाज खनकदार थी और पढ़ाई के दौरान ही उन्हें रेडियो में नौकरी मिल गई। जहां वे तमाम नामी सेलिब्रिटीज का इंटरव्यू लिया करते थे। इसके लिए सुनील दत्त को अच्छे खासे-पैसे मिलते। उस दौर में सुनील दत्त को 25 रुपए महीना मिलता था, जो बड़ी बात थी और कॉलेज में इस बात से उनसे हर कोई इंप्रेस था।
कैसे मिला था रेडियो
में काम : सुनील दत्त की आवाज बेहद दमदार और बेस वाली थी। वह अपने कॉलेज में थिएटर से जुड़े थे। एक बार सुनील दत्त का प्ले देखने के लिए रेडियो के प्रोग्रामिंग हेड आए थे। उन्हें सुनील दत्त की आवाज बहुत भा गई। बस फिर क्या था, उन्होंने सुनील दत्त को अपने साथ काम करने का ऑफर दे दिया। ऐसे में सुनील दत्त ने इस काम के लिए हामी भर दी। अब सुनील दत्त इंटरव्यूज ऑफ मूवीज स्टार्स प्रोग्राम में काम करने लगे। महीने के 25 रुपये के साथ उनका कॉन्ट्रैक्ट बना। यही वह वक्त था जब सुनील दत्त ब़ड़े-बड़े सितारों से मिलने लगे।
पहली मुलाकात में नरगिस के सामने बोल भी नहीं पाए: इस बीच एक बार उन्हें नरगिस के इंटरव्यू करने का मौका मिला। तब नरगिस बहुत बड़ी स्टार थीं। वहीं, सुनील दत्त तो अभी एक्टिंग के क्षेत्र में भी अपना पैर नहीं जमा पाए थे। नरगिस ने अब तक ‘हुमायूं’ (1945), ‘मेला’ (1948), ‘बरसात’, ‘अंदाज’ (1949), ‘जोगन’, ‘बाबुल’ (1950), ‘दीदार’, ‘आवारा’ (1951) जैसी फिल्मों में काम किया था। सुनील दत्त जब इंटरव्यू करने नरगिस के सामने पहुंचे, तो बहुत बुरी तरह से नर्वस हो गए और बोल ही नहीं पा रहे थे। सुनील दत्त को पसीने में भीगा देख नरगिस ने उनकी हालत के बारे में पूछा औऱ उन्हें कंफर्टेबल किया। उस वक्त नरगिस और सुनील दत्त नहीं जानते थे कि आगे चलकर वे दोनों एक दूसरे के बेटर हाफ बनेंगे।