भारतीय वायुसेना के कौशल से कौन परिचित नहीं है? दुश्मनों को धूल चटाने के कई गौरव कराने वाले पल हमारे जांबाज एयर मैन ने दिए हैं। ऐसी ही एक गाथा है 1971 में भारत-पाकिस्तान जंग की। इस दौरान एयरफोर्स की ओर से जो पराक्रम दिखाया गया था वो इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षर में दर्ज है। आज हम वीर गाथा सीरीज में कहानी बताने जा रहे हैं 1971 में एयर फोर्स के लिए जी जान से लड़ने वाले विंग कमांडर विजय कार्निक की जिन्होंने अपनी बहादुरी और मुस्तैदी से पाकिस्तान को मंसूबे में कामयाब नहीं होने दिए थे।

क्या हुआ था उस दिन? 1971 के दिसंबर महीने में भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया। पाकिस्तान के हमले का जवाब देते हुए भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान को खदेड़ा। इसी दौरान पाकिस्तानी एयरफोर्स ने पश्चिमी एयरफील्ड्स को निशाना बनाया। अब विंग कमांडर की बहादुरी पर एक फिल्म बनने जा रही है। मेकर्स का कहना है- स्क्वॉड्रन लीडर विजय कार्निक 1971 में इंडो-पाक वार के दौरान गुजरात के भुज एयरपोर्ट के इंचार्ज थे। पाकिस्तानी ने वहां बमबारी शुरू कर दी। इस हवाई हमले में एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा था। पर कार्निक ने बहादुरी दिखाई और उन्होंने किसी भी सूरत में एयरबेस को ऑपरेशनल रखने का फैसला लिया।

तबाह हो गया था एयरबेस: बमबारी की वजह से एयरबेस पूरी तरह तबाह हो गया था। इसे ऑपरेशनल रखना मुश्किल था। लेकिन कार्निक ने वहां आसपास के गांव की 300 महिलाओं को एकजुट किया और उन्होंने एयरबेस को फिर से निर्मित करने का फैसला लिया ताकि इंडियन आर्मी को लेकर आ रही फ्लाइट की वहां लैंडिंग कराई जा सके। उन्होंने इस दौरान अपने दो अफसर, 50 एयरफोर्स जवानों और 60 सुरक्षा कर्मियों के साथ शानदार काम किया जिसके चलते पाकिस्तानी की बमबारी के बाद भी वह एयरबेस ऑपरेशनल रह सका। इस घटना को भारत के ‘पर्ल हार्बर’ मूवमेंट के तौर पर भी जाना जाता है।

ऐसे शुरू हुई थी लड़ाई: दिसंबर 1970 में बांग्लादेश में चुनाव होने के करीब एक साल बाद भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था। इससे पहले कई महीनों तक दोनों देशों के बीच तनाव रहा। मई महीने में पाकिस्तानी आर्मी ने खुलना में करीब 10 हजार लोगों की हत्या कर दी थी। इसी दौरान 16 अगस्त को ऑपरेशन जैकपॉट की भी शुरुआत की गई थी। इसी दौरान 3 दिसंबर को बांग्लादेश एयरफोर्स ने पाकिस्तनी ऑयल डिपो तबाह कर दिए थे। 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान एयर फोर्स ने पश्चिमी भारत के एयरफिल्ड को निशाना बनाते हुए हमले शुरू कर दिए। भारत ने तुरंत जंग का ऐलान करते हुए 4 दिसंबर तड़के से पूरी मुस्तैदी से जवाब दिया। 4 दिसंबर 1971 को लोंगेवाला की लड़ाई लड़ी गई। इस दौरान सबसे बड़ा हमला भारत ने कराची में पाकिस्तान पर किया। भारतीय वायुसेना बड़ी बहादुरी का परिचय देते हुए कराची पोर्ट के बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचाया। करीब दस दिन बाद 16 दिसंबर 1971 को मित्रो वाहिनी ने ढाका को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद ईस्ट पाकिस्तान आर्मी ने बिना शर्त भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया और इसी के साथ बांग्लादेश आजाद हो गया।

क्यों हो रही है चर्चा: 1971 Indo-Pak वार पर एक फिल्म बन रही है। इस फिल्म का नाम Bhuj: The Pride of India रखा गया है, जिसका ऐलान मंगलवार को हुआ। इस फिल्म में विंग कमांडर विजय कार्निक का रोल एक्टर अजय देवगन कर रहे हैं। फिल्म का निर्देशन अभिषेक दाहिया कर रहे हैं। मेकर भूषण कुमार ने एक बयान में कहै कि अजय देवगन के अलावा इस फिल्म में मेन लीड कोई नहीं कर सकता। हम पहले से ही दे दे प्यार दे और तानाजी में साथ काम कर रहे हैं।

घटना को लेकर कार्निक क्या कहते हैं: विंग कमांडर कार्निग उस घटना पर फिल्म बनने से खुश हैं। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया- हम उस वक्त जंग लड़ रहे थे। अगर एक भी महिला की मौत होती तो ये हमारे लिए बड़ा नुकसान होता। मैंने फैसला लिया और यह काम कर गया। इस दौरान मैंने उन्हें पूरी तरह से समझाया था कि बमबारी हुई तो कहां छिपना है और उन्होंने बड़ी बहादुरी से काम किया।